बदलते समय में तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता है, स्मार्टफोन इसी दिशा में सरकार का कदम : अयोध्या सिंह
मैं रासायन विज्ञान का 35 वर्षों तक शिक्षण कार्य करने के बाद समाज सेवा में आया हूंँ। हमारे समय में इतनी अत्याधुनिक सुविधायें नहीं होती थी..
मैं रासायन विज्ञान का 35 वर्षों तक शिक्षण कार्य करने के बाद समाज सेवा में आया हूंँ। हमारे समय में इतनी अत्याधुनिक सुविधायें नहीं होती थी। किन्तु आज का समय तेजी से बदल रहा है और हमें समय के अनुरूप चलने को तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता है जिससे हम प्रगति की रेस में अपने को श्रेष्ठ साबित कर सकें। प्रदेश सरकार की यह योजना इसी दिशा में किया जाना वाला कदम है।
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यह बात मंगलवार को बुन्देलखण्ड विकास परिषद, उ.प्र. शासन के उपाध्यक्ष,अयोध्या सिंह पटेल ने केसीएनआईटी, बाँदा के आर्यभट्ट सभागार में प्रदेश सरकार की योजना ‘युवाओं का तकनीकी सशक्तिकरण’ के अन्तर्गत बी.टेक., एम.बी.ए., आई.टी.आई., पालीटेक्निक एवं बी.एड. के विद्यार्थियों को टेबलेट स्मार्टफोन का वितरण करते हुए कही।
इस मौके पर बी.एड. के विद्यार्थियों को डॉ. दीपाली गुप्ता, नोडल अधिकारी, उच्च शिक्षा, चित्रकूटधाम द्वारा स्मार्टफोन वितरित किये गये। बी.टेक. एवं एम.बी.ए. के विद्यार्थिया को टेबलेट संस्थान के निदेशक डॉ. अजित कुमार सिंह, डॉ. प्रशान्त द्विवेदी एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों द्वारा और आई.टी.आई. के विद्यार्थिया को अयोध्या सिंह पटेल उपाध्यक्ष, बुन्देलखण्ड विकास परिषद, उ.प्र. शासन के द्वारा वितरण किया गया।
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डॉ. दीपाली ने टेबलेट स्मार्टफोन के लाभार्थियों को उ.प्र. शासन की इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए सभी को हिदायत दी कि आप अपनी डिवाइस का उपयोग अपने विकास में लगायें। समाज विरोधी कार्य न करें क्योंकि आपकी डिवाइस आपके आधार नम्बर से लिंक है आप पर हमेशा ऑनलाइन नजर रखी जा रही है। आप इसे न ही किसी को हस्तान्तरित करें न गलत हाथों में दें।
वहीं संस्थान के निदेशक ने कहा कि संस्था के संस्थापक चेयरमैन अरूण कुमार निगम द्वारा बुन्लेदखण्ड क्षेत्र में युवाओं के तकनीकी सशक्तिकरण के लिए एक कार्ययोजना बनाकर सन् 2002 में जनपद में तकनीकी संस्थान की स्थापना की और लगातार इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। यह उनकी सोच का दूरवर्ती परिणाम है कि संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में नित नये आयाम स्थापित कर रहा है। इसके लिये निदेशक ने चेयरमैन के प्रति आभार व्यक्त किया और छात्रों को भी अपनी मातृभूमि से जुड़े रहते हुए उसका कर्ज चुकाने को प्रेेरित किया।
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