होती रहेगी बारिश, बुआई के लिए किसान खेत करें तैयार

दक्षिणी पश्चिमी मानसून भले ही इस वर्ष पांच दिन देरी से आया हो, लेकिन इन दिनों हो रही बारिश खेती के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है..

होती रहेगी बारिश, बुआई के लिए किसान खेत करें तैयार
फाइल फोटो

कानपुर,

  • बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आ रहीं हवाएं फसल के लिए लाभदायक

दक्षिणी पश्चिमी मानसून भले ही इस वर्ष पांच दिन देरी से आया हो, लेकिन इन दिनों हो रही बारिश खेती के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। बारिश का यह सिलसिला अभी बरकरार रहेगा।

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ऐसे में किसानों को सलाह दी गई है कि बुआई के लिए खेतों को तैयार कर लें और तेजी से बुआई करें। किसानों का कहना है कि इस समय झमाझम बारिश खेतों में सोना बरसने के समान है। मौसम विभाग का कहना है खरीफ सीजन की फसलों की बुआई अब किसान आसानी से कर सकेंगे।

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पाण्डेय ने सोमवार को बताया कि गंगा यमुना के बीच के मैदानी भागों में मानसूनी बारिश की गतिविधियां आगे भी चलती रहेंगी। मानसून की ट्रफ लाइन उत्तर प्रदेश के ऊपर आ गई है और दो चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र मौसमी प्रणालियों को मजबूत बना रहे हैं।

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दक्षिण पश्चिमी मानसून की हवाओं की गति भी अब तेज हुई है है और उनके साथ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी भरी हवाएं भी भारी मात्रा में उत्तर भारत की तरफ आ रही हैं। इससे कानपुर मण्डल सहित पूरे उत्तर प्रदेश में कहीं-कहीं मध्यम और कहीं-कहीं भारी बारिश होने की पूरी संभावना है।

डॉ. पाण्डेय ने बताया कि देश के अधिकतर राज्यों में मानसून की बारिश में देरी हुई, जिसके चलते खरीफ फसलों की बुवाई पिछड़ती चली गई। हालांकि कुछ राज्यों में सामान्य बारिश हुई, इसके बावजूद धान- मूंग -उड़द और कपास की बुआई के लिए बहुत कम समय बचा था। इस कारण किसानों को चेहरे मायूस थे, अब मानसूनी बारिश तेज हुई है, जिससे किसानों के चेहरे खिल गये हैं। ऐसे में अब किसानों को बुआई तेजी से शुरु कर देना चाहिए।

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  • मानसून की रुकावट से बुआई में हुई देरी

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मानसून ने इस बार एक हफ्ते पहले यानी कि 13 जून के आसपास ही दस्तक दे दिया था, लेकिन दक्षिणी पश्चिमी मानसून पांच दिन की देरी से पूरे देश में पहुंचा।

इसके चलते बुआई में देरी हो गई और किसान मायूस दिखने लगे। हालांकि अब मानसून भरपूर बारिश करने लगा है और यह किसानों के लिए यह बड़ी खुशखबरी है।

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हि.स

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