गर्भवती व धात्री महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति किया जागरुक
ममता संस्था के प्रोजेक्ट जाग्रति कार्यक्रम के तहत सर्व जन स्वास्थ्य मन सत्र के माध्यम से गर्भवती व् धात्री महिलाओ को जागरुक किया गया...

चित्रकूट। ममता संस्था के प्रोजेक्ट जाग्रति कार्यक्रम के तहत सर्व जन स्वास्थ्य मन सत्र के माध्यम से गर्भवती व् धात्री महिलाओ को जागरुक किया गया।
ममता हेल्थ इंस्टिट्यूट फार मदर एंड चाइल्ड संस्था के प्रोजेक्ट जाग्रति कार्यक्रम के तहत सर्व जन स्वास्थ्य मन सत्र के माध्यम से गाँव परर्सौजा, अमवा, रगौली, भभेट, शिवरामपुर व् रामनगर ब्लाक में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ सत्र आयोजित कर उन्हें मातृ मानसिक स्वास्थ्य की महामारी विज्ञान, मातृ मानसिक स्वास्थ्य विकारों के प्रभाव, सामान्य मातृ मानसिक स्वास्थ्य विकारों और आम मिथकों व भ्रांतियों आदि विषयों पर सत्र के माध्यम जागरुक किया। मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षिका ममता शर्मा ने उपरोक्त विषयो पर सत्र और वीडियो के माध्यम से अवगत कराया गया। उन्होंने प्रसवकालीन चिंता के बारे में बताया। जिसमें प्रसवपूर्व या प्रसवोत्तर चिंता के रूप में जाना जाता है। अत्यधिक चिंता, भय या बेचौनी की विशेषता है जो इस महत्वपूर्ण समय में व्यक्ति के कार्य करने और जीवन का आनंद लेने की क्षमता में बाधा डाल सकती है। यह कई तरह से प्रकट हो सकती है। जिसमें शिशु के स्वास्थ्य को लेकर लगातार चिंता, प्रसव का डर, माता-पिता बनने की अपनी क्षमता को लेकर अत्यधिक चिंता, बेचौनी, चिड़चिड़ापन, नींद न आना और मांसपेशियों में तनाव और सिर दर्द जैसे शारीरिक लक्षण शामिल हैं। प्रसवकालीन चिंता के प्रबंधन में प्रारंभिक हस्तक्षेप और सहायता महत्वपूर्ण है। प्रसवपूर्व शिक्षा, सामाजिक समर्थन और स्वदेखभाल रणनीतियाँ प्रसवकालीन चिंता के जोखिम या गंभीरता को कम करने में मदद कर सकती हैं।
प्रसवकालीन मानसिक स्वास्थ्य विकार माताओं को भावनात्मक रूप से गहराई से प्रभावित कर सकते हैं। जिससे जीवन के एक महत्वपूर्ण चरण में उन्हें गंभीर तनाव का सामना करना पड़ सकता है। ये विकार माताओं और उनके शिशुओं के बीच एक मजबूत भावनात्मक बंधन के विकास को बाधित करते हैं। जिससे दैनिक देखभाल के कार्य और भी कठिन हो जाते हैं। घर के भीतर भावनात्मक चुनौतियां पैदा होने से पारिवारिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। प्रभावित माँ को अपने परिवार के साथ जुड़ने में कठिनाई हो सकती है। जिससे रिश्ते बिगड़ सकते हैं। ममता संस्था के इस कार्यक्रम को लोगो ने खूब सराहा।
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