बुंदेलखंड में ब्लैक फंगस की दस्तक, झांसी और बांदा में है इलाज की सुविधा

सूखा, बाढ़ व अकाल जैसी दैवीय आपदाओं से जूझ रहा बुंदेलखंड महामारियों से भी अछूता नहीं रहा है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर..

बुंदेलखंड में ब्लैक फंगस की दस्तक, झांसी और बांदा में है इलाज की सुविधा
ब्लैक फंगस फाइल फोटो

सूखा, बाढ़ व अकाल जैसी दैवीय आपदाओं से जूझ रहा बुंदेलखंड महामारियों से भी अछूता नहीं रहा है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच अब बुंदेलखंड में म्यूकोरमाइकोसिस नाम के फंगल इन्फेक्शन ने दस्तक दे दी है। झांसी और चित्रकूटधाम मंडलों के जनपदों में झांसी में ही इसके इलाज की सुविधा है। हमीरपुर में ब्लैक फंगस संभावित वृद्ध मरीज के मिलने पर उसे झासी रेफर किया गया है। 

कोरोना संक्रमण के बीच म्यूकोरमाइकोसिस यानि  ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ रहा है। धीरे-धीरे यह  बुंदेलखंड में भी अपने पांव पसारना शुरू कर दिया है। झांसी, ललितपुर व हमीरपुर में इसके संभावित मरीज भी मिलना शुरू हो गए हैं। हमीरपुर जनपद में ब्लैक फंगस के  संभावित वृद्ध मरीज के मिलने पर उसे रेफर कर दिया गया है।

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चित्रकूटधाम मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य डा.आरबी गौतम ने बताया कि ब्लैक फंगस आम तौर पर उन लोगों को तेजी से अपना शिकार बनाता है जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। कोरोना के दौरान या फिर ठीक हो चुके मरीजों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है, इसलिए वह आसानी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंडल में इसके इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है। इंजेक्शन व अन्य दवाइयों की डिमांड भेजी गई है। शीघ्र ही इसके  मिलने की संभावना है।


 
राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. मुकेश कुमार यादव का कहना है कि कोरोना के जिन मरीजों को डायबिटीज है। शुगर लेवल बढ़ जाने पर उनमें म्यूकोरमाइकोसिस खतरनाक रूप ले सकता है। यह संक्रमण सांस द्वारा नाक के जरिये व्यक्ति के अंदर चला जाता है, जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उनको यह जकड़ लेता है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कालेज में ब्लैक फंगस  के मरीज की इलाज की बेहतर सुविधा है। मरीजों के लिए जरूरी दवाओं और  इंजेक्शन की डिमांड भेजी गई है।  इस बीच भी कोई मरीज यहां आता है तो तत्काल  यह इंजेक्शन मंगवाया जा सकता है।

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  • ब्लैक फंगस के लक्षण 

नाक में दर्द हो, खून आए या नाक बंद हो जाए। नाक में सूजन आ जाए। दांत या जबड़े में दर्द हो या गिरने लगें। आंखों के सामने धुंधलापन आए या दर्द हो। बुखार, सीने में दर्द, सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, खून की उल्टियां होना, कभी-कभी दिमाग पर भी असर होता है। 

  • फंगल इंफेक्शन से ऐसे करें बचाव 
  • किसी निर्माणाधीन इलाके में जाने पर मास्क पहनें।
  • बगीचे में जाएं तो फुल आस्तीन शर्ट, पैंट व ग्लब्स पहनें। 
  • ब्लड ग्लूकोज स्तर को जांचते रहें और इसे नियंत्रित रखें

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