बांदाः निर्माणाधीन मकान ध्वस्त कराने के आदेश पर प्रशासन व अधिवक्ताओं में ठनी
जिले के पचनेही गांव में एक अधिवक्ता द्वारा दूसरे की जमीन पर अवैध ढंग से निर्माण कराए जाने पर एसडीएम द्वारा...
जिले के पचनेही गांव में एक अधिवक्ता द्वारा दूसरे की जमीन पर अवैध ढंग से निर्माण कराए जाने पर एसडीएम द्वारा निर्माण कार्य रोकने के आदेश व निर्माणाधीन मकान को गिराने के निर्देश देने पर जिला अधिवक्ता संघ भड़क गया। संघ ने सोमवार को इस संबंध में अपना विरोध जताते हुए 2 दिन हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया और मांग की है कि प्रशासन अपना आदेश वापस ले ले। वही इस मामले में ग्रामीण भी वकील के खिलाफ प्रदर्शन करते नजर आए।
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इस संबंध में जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बृजमोहन सिंह गौर एडवोकेट ने बताया कि विजय करण सिंह एडवोकेट को ग्राम पचनेही में वर्ष 1987 में जमीन का पट्टा मिला था। इसी जमीन पर बने पुराने मकान के गिरने के बाद मकान का पुनर्निर्माण कराया जा रहा था, लेकिन राजनीतिक दबाव में प्रशासन द्वारा रोक दिया गया। इस बीच तहसीलदार पैलानी द्वारा गत 13 जनवरी को राजू तिवारी एडवोकेट के वृद्ध पिता के साथ मारपीट की गई। इस घटना के विरोध में जिला अधिवक्ता संघ की एक बैठक हुई और जिसमें यह तय किया गया कि 16 व 17 जनवरी को इस घटना के विरोध में जिला अधिवक्ता संघ के समस्त अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे तथा इस दौरान उप निबंधक कार्यालय में होने वाली रजिस्ट्री भी नहीं होंगी और न ही कोई नोटरी अधिवक्ता कार्य करेगा।
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उन्होंने कहा कि अधिवक्ता के पिता के साथ मारपीट की संघ कठोर शब्दों में निंदा करता है और तहसीलदार पैलानी के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई की मांग करता है। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विजय करण सिंह एडवोकेट के पट्टे पर उनके द्वारा कराए जा रहे अपने मकान के पुनर्निर्माण के कार्य को रोके जाने का आदेश तत्काल वापस लिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि एसडीएम द्वारा उनके मकान को बुलडोजर से ध्वस्त करवाने और उनका वैध पट्टा निरस्त कराने की धमकी दी गई है भविष्य में इस तरह की धमकी न दी जाए।
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वहीं दूसरी तरफ पचनेही गांव के दर्जनभर ग्रामीणों ने आज ही जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि हमें गाटा संख्या 1161 में आवासीय पट्टे मिले हैं। जिस पर विजय करण सिंह पुत्र जगनंदन सिंह अवैध निर्माण कर रहे हैं। जिसकी शिकायत करने पर 30 दिसंबर को नायब तहसीलदार के आदेश पर कार्य रोक दिए गए थे। इसके बाद भी दबंगई के बल पर विजय करण सिंह द्वारा पुनः निर्माण कार्य शुरू किया गया। जिसकी शिकायत पुनः जिला अधिकारी व अपर जिलाधिकारी से की गई। तब अपर जिला अधिकारी ने जांच के निर्देश दिए थे। नायब तहसीलदार द्वारा 2 जनवरी को मौके पर जांच की गई और लोगों के बयान दर्ज किए गए। इस दौरान तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो व लेखपाल आदि ने मौके पर पैमाइश कराई तो विजय करण सिंह पुत्र जगनंदन सिंह द्वारा किया जा रहा निर्माण अवैध पाया गया।
जिस पर एसडीएम ने निर्माण कार्य गिराने के आदेश दिए।
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ग्रामीणों का कहना है कि विजय करण सिंह पुत्र जगनंदन सिंह के नाम कोई भी आवासीय पट्टा अभिलेखों में दर्ज नहीं है। फिर भी अपनी वकालत का गलत फायदा उठाते हुए फर्जी अभिलेखों को दिखा कर दूसरे के पट्टे की जमीन पर अवैध निर्माण कर रहे हैं। इन ग्रामीणों ने अवैध निर्माण को तत्काल ध्वस्त कराने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में इंद्रपाल यादव, राम सिंह, रमेश यादव, संजय, हरिप्रसाद यादव, रामनरेश सिंह, देशराज यादव देवीदीन यादव आदि शामिल रहे।
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