वानिकी महाविद्यालय में अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह 2025 का सफल आयोजन
भारत की समृद्ध परंपरागत हस्तकला एवं शिल्प विरासत को सम्मान देने के उद्देश्य से वानिकी महाविद्यालय में अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह...
छात्र-छात्राओं ने बाँस व लकड़ी से तैयार किए आकर्षक हस्तशिल्प
“भारत की शिल्प विरासत का उज्ज्वल भविष्य” रही सप्ताह की थीम
बांदा। भारत की समृद्ध परंपरागत हस्तकला एवं शिल्प विरासत को सम्मान देने के उद्देश्य से वानिकी महाविद्यालय में अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह 2025 का आयोजन किया गया। यह आयोजन 8 से 14 दिसंबर 2025 तक वन उत्पादन एवं उपयोग विभाग तथा राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई–3 के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की थीम “भारत की शिल्प विरासत का उज्ज्वल भविष्य” रही।
सप्ताह भर चले इस आयोजन के दौरान प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने बाँस एवं लकड़ी से विभिन्न शैलियों में सुंदर एवं उपयोगी हस्तशिल्प तैयार किए। विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मकता, कल्पनाशीलता और पारंपरिक शिल्प कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। समापन अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार किए गए हस्तशिल्प उत्पादों की आकर्षक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे सभी ने सराहा।
समापन समारोह में उपस्थित अतिथियों द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। इस अवसर पर कृषिवानिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजीव उमराव ने आयोजन समिति को सफल आयोजन के लिए बधाई दी। आयोजन सचिव डॉ. योगेश सुमथाने ने सप्ताह भर की गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के अंत में विभाग अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद नासिर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। आयोजन को सफल बनाने में डॉ. रोहित चौधरी का विशेष योगदान रहा।
कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों में पारंपरिक हस्तशिल्प के प्रति रुचि जागृत हुई और भारतीय शिल्प विरासत को संरक्षित एवं आगे बढ़ाने का संदेश दिया गया।
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