कॉमन वेल्थ खेलों में भी खो-खो को शामिल कराने का प्रयास : महासचिव

भारतीय खेलों में खो-खो और कबड्डी को भारतीय खेलों का आत्मा कहा जाता है खो खो को बढ़ावा देने के लिए गली गली मोहल्लों और देश विदेश में निरंतर..

कॉमन वेल्थ खेलों में भी खो-खो को शामिल कराने का प्रयास : महासचिव
खो-खो (फाइल फोटो)

भारतीय खेलों में खो-खो और कबड्डी को भारतीय खेलों का आत्मा कहा जाता है।खो खो को बढ़ावा देने के लिए गली गली मोहल्लों  और देश विदेश में निरंतर प्रयास जारी हैं।बहुत जल्दी ही खो खो कामनवेल्थ खेलों में भी शामिल किया जा सकता  है।

यह बात खो-खो इंडिया के महासचिव महेंद्र सिंह त्यागी ने आज एक रेस्टोरेंट में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।उन्होंने कहा कि खो-खो को एशियाई ओलंपिक परिषद ने जकार्ता में एशियाई खेलों के दौरान और औपचारिक तौर पर मान्यता दी थी। उम्मीद है कि इसे 2026 तक पूर्ण दर्जा मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि 2022 के एशियाई खेलों में खो-खो को शामिल किया जाएगा।

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खो-खो इंडिया के महासचिव श्री त्यागी ने यह भी कहा कि इस खेल को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ,सेना ने भी इसे अपने सभी विभागों में मान्यता दे दी है।कोरोना संक्रमण के पहले 16 देशों के खिलाड़ियों को दिल्ली में खो खो का प्रशिक्षण दिया गया है जो अपने अपने देशों में जाकर इन खेलों का प्रशिक्षण दे रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में भी खो खो को बढ़ावा देने के लिए हम आए हैं और उम्मीद है   यहां के खिलाड़ी भी खो खो में रुचि लेंगे।  कहा कि यह ऋषि-मुनियों की भूमि है और यहां टैलेंट का खजाना है इसलिए यहां निश्चित रूप से खो खो के अच्छे खिलाड़ी निकल कर सामने आएंगे।इस अवसर पर कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश खो खो रवि कांत मिश्रा, डिस्ट्रिक्ट ज्वाइंट सेक्रेटरी बांदा संजय निगम अकेला भी मौजूद रहे।

इसके पहले खो-खो महासचिव ने गांव-गांव तक खो-खो को  पहुंचाने के लिए जनपद के पदाधिकारियों को निर्देशित किया और हर तरह की मदद का पूर्ण वादा किया। उन्होंने बताया कि जनवरी में अल्टीमेट खो खो का आयोजन होना है,उसके लिए बांदा जनपद के प्रत्येक स्कूलों से बच्चों का निशुल्क रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा।

स्कूल लेवल की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी और प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को जनपद स्तरीय टीम में शामिल किया जाएगा और स्कॉलरशिप भी दी जाएगी ,इन्हीं खिलाड़ियों में से चुनिंदा खिलाड़ियों को खो खो में स्थान दिया जाएगा।

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साथ ही उन्होंने बताया कि आज ही मुझे भारत सरकार का पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें खो-खो को भारतीय सेना में अनिवार्य कर दिया गया है खो-खो को प्रमोट करने के लिए और भी आगे बढ़ाने के लिए जिले में जो भी जरूरी कदम और जरूरत होगी वह पूरी की जाएगी।

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