अर्जुन सहायक नहर परियोजना चित्रकूट मंडल के 1.5 लाख किसानों की बदलेगी तकदीर

बुंदेलखंड में दशकों से लंबित पड़ी अर्जुन सहायक नहर परियोजना का अब जल्द ही लोकापर्ण होगा। बुंदेलखंड के महोबा, हमीरपुर और बांदा जिलों..

अर्जुन सहायक नहर परियोजना चित्रकूट मंडल के 1.5 लाख किसानों की बदलेगी तकदीर
अर्जुन सहायक परियोजना (Arjun Sahayak Yojana)

बुंदेलखंड में दशकों से लंबित पड़ी अर्जुन सहायक नहर परियोजना का अब जल्द ही लोकापर्ण होगा। बुंदेलखंड के महोबा, हमीरपुर और बांदा जिलों के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने वाली इस परियोजना से 1.5 लाख किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जबकि चार लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा।  

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2,600 करोड़ रुपये की लागत वाली अर्जुन सहायक परियोजना से सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था के बाद बुंदेलखंड की धरती सोना उगलेगी। यह परियोजना महोबा, हमीरपुर और बांदा के लाखों किसानों की खुशहाली की वजह बनेगी। अर्जुन सहायक नहर परियोजना से 1.5 लाख किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जबकि चार लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा।

धसान नदी पर बनी इस परियोजना से महोबा, बांदा और हमीरपुर के 168 गांवों के किसानों को सिंचाई और चार लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। लगभग 15,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इस परियोजना के तहत 44,381 हेक्टेयर नई सिंचाई क्षमता का विस्तार होना है।

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  • 2009 में शुरू हुई थी योजना

अर्जुन सहायक परियोजना की शुरूआत पांच वर्षों में पूर्णता के लक्ष्य के साथ वर्ष 2009 में बुन्देलखण्ड के महोबा जिले में कराई गई थी। इसके लिए केन्द्र सरकार ने त्वरित सिंचाई लाभ योजना (एआईबीपी) से 806.5 करोड़ के बजट का निर्धारण किया था।

arjun sahayak pariyojana mahoba, बुंदेलखंड में नहर (canal in bundelkhand)

यूपी के सिंचाई विभाग द्वारा क्रियान्वित होने वाली परियोजना के तहत यहां मध्यप्रदेश की सीमा पर धसान नदी में निर्मित लहचूरा बांध से करीब 71 किलोमीटर लम्बी एक नहर निकालकर उसे जिले के तीन प्रमुख बांधों से जोड़ते हुये कबरई डैम तक ले जाया गया।

इससे यहां सिचाई संसाधनों में विस्तार के अलावा पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की योजना है। लहचूरा बांध से प्राप्त होने वाली यह वह जलराशि थी जिसका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा था और हर साल बारिश में इसे बहाकर बर्बाद कर दिया जाता था।

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