प्रचंड गर्मी में बुंदेलखंड की सूखी धरती में किसान कर रहा है गैलार्डिया (नवरंगा) फूलों की खेती

बुंदेलखंड में गर्मियों के मौसम में तापमान 45 से 46 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक पहुंच जाता है। इसके कारण यहां फूलों की..

May 9, 2022 - 09:00
May 9, 2022 - 09:09
 0  1
प्रचंड गर्मी में बुंदेलखंड की सूखी धरती में किसान कर रहा है गैलार्डिया (नवरंगा)  फूलों की खेती

बांदा, 

बुंदेलखंड में गर्मियों के मौसम में तापमान 45 से 46 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक पहुंच जाता है। इसके कारण यहां फूलों की खेती करने की किसान कल्पना भी नहीं कर सकते। ऐसे में अगर कोई किसान फूलों की खेती करके आमदनी बढ़ाये तो आश्चर्य की बात होगी। लेकिन ऐसा करिश्मा एक किसान ने कर दिखाया है। उसने इस भीषण गर्मी में  गैलार्डिया की खेती करके अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है।

यह भी पढ़ें - शुष्क व अर्धशुष्क क्षेत्रो के लिये फलदार वृक्षो के शोध पर दिया जाये बल : कुलपति

ग्रीष्म ऋतु में शादी समारोह अधिक होने के कारण फूलों की मांग भी अधिक रहती हैं। इस दौरान ज्यादातर फूल बांदा के बाजार में बाहर से आपूर्ति होती है। इस समस्या से निपटने के लिये बादा कृषि से एवं प्रौद्योगिक विष्वविद्यालय के उद्यान महाविद्यालय के पूष्प विज्ञान एवं शूदृष्य निर्माण विभाग के सहायक प्राध्यापक कृष्ण सिंह तोमर ने बांदा के कुछ किसानों के गर्मियों में फूलों की खेती करने के लिये प्रेरित किया। उनमें से ग्राम रेहूंडा ब्लाक बड़ोखर खुर्द के एक युवा किसान  अखिलेश्वर सिंह ने श्री तोमर से पर्याप्त जानकारी हासिल कर गर्मियों में फूलों की खेती करने की शुरूवात की। गर्मियों के प्रमुख फूलों में गैलार्डिया (नवरंगा) की खेती के लिये पानी की कम आवश्यकता होती हैं और यह कई महीनों तक फूल देता रहता है।

श्री तोमर ने गैलार्डिया (नवरंगा) की उच्च गुणवत्ता वाली पौध उपलब्ध करवायी। पौध रोपण से लेकर अंतःकृषि क्रियायों को श्री तोमर के दिशा निर्देशानुसार अनुपालन किया। इस समय बांदा के बाज़ार में गैलार्डिया (नवरंगा) फूलं  औसतन 150 रू. प्रति किलो बिक रहा है। जबकि शादी लगन के दौरान यह 350 रू. तक बिका है। इस फूल को उगाने से अखिलेश्वर सिंह बांदा के बाजार में 10 से 15 किलों प्रतिदिन बेच रहे हैं जिससे उन्हें अच्छा लाभ प्राप्त हो रहा है। श्री तोमर ने बताया की इस फूल को गर्म स्थानों में सुगमता से उगाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें - बकरियो की उन्नत नस्ल सिरोही बुंदेलखंड के किसानों के लिए वरदान साबित होगी

इसकी पौध बीज से तैयार कर सकते हैं एक हेक्टेयर खेत में उगाने के लिये 500 से 600 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। 3 से 4 सप्ताह में पौध तैयार हो जाती है। पौधों का रोपण खेत में पौध से पौध के बीच 45 सेंटीमीटर एवं कतार से कतार के बीच 60 सेंटी मीटर दूरी पर करनी चाहिये। रोपायी के करीब 3 महीने बाद फूल आने आरम्भ हो जाते हैं। हमेशा पूर्णरूप से तैयार फूलों को ही तोडे । गैलार्डिया (नवरंगा) से प्रति हेक्टर 100 से 150 क्विंटल फूलों की प्राप्ति होती हैं। यह लगभग 8 से 10 माह तक फुल देने वाला पौधा है।

इसकी खेती से एक हेक्टेयर में लगभग 4 से 5 लाख की आमदनी प्राप्त की जा सकती है। डा. नरेन्द्र प्रताप सिंह, कुलपति, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विष्वविद्यालय, बांदा ने श्री तोमर के प्रयास की सराहना की है एवं युवा किसान को फूलों की खेती को अपनाने के लिये बधाई दी। डा. सिंह ने बुन्देलखण्ड के किसानों से आग्रह किया है कि उन्हें इस तरह की अधिक आय देने वाली फूल वाली फसले जैसे गेंदा, गैलार्डिया, ग्लेडियोलस एवं गुलदाऊदी को अपनाने की जरूरत है। जिससे वह अधिक आय अर्जित कर सके।

यह भी पढ़ें - गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के बन जाने से सफर का समय 5 घंटे कम हो जायेगा

What's Your Reaction?

Like Like 2
Dislike Dislike 0
Love Love 3
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 3
admin As a passionate news reporter, I am fueled by an insatiable curiosity and an unwavering commitment to truth. With a keen eye for detail and a relentless pursuit of stories, I strive to deliver timely and accurate information that empowers and engages readers.