बुन्देलखण्ड के संत गोस्वामी तुलसीदास पर कई देशों के विद्वान जुटे

संगोष्ठी को जकार्ता ,श्रीलंका और मारीशस के विद्वानों ने संबोधित किया। तथा भारत सरकार की प्रतिनिधि के रूप में श्रीलंका में रहीं डॉ. शिरीन कुरैशी ने भी संबोधित किया।

बुन्देलखण्ड के संत गोस्वामी तुलसीदास पर कई देशों के विद्वान जुटे

कासगंज (हि.स.)
कासगंज के कोठीवाल आढतियां पीजी.कॉलेज एवं अंतरराष्ट्रीय तुलसी संस्थान और साधु वाणी सेवा केंद्र ,जकार्ता ,इंडोनेशिया एवं कला समय शिक्षा संस्कृति भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में मानसकार गोस्वामी तुलसीदास के जीवन वृत्त पर आधारित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हुई। इस संगोष्ठी में 1362 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया एवं भारत सहित इंडोनेशिया, मारीशस और श्रीलंका के विभिन्न विद्वानों तथा शोधकर्ताओं ने भाग लिया।
मंगलवार को संपन्न हुई वेविनार को गूगल मीट के साथ ही फेसबुक और यूट्यूब के प्लेटफॉर्म पर संचालित किया गया । संगोष्ठी को जकार्ता ,श्रीलंका और मारीशस के विद्वानों ने संबोधित भी किया। वेबीनार को भारत सरकार की प्रतिनिधि के रूप में श्रीलंका में रहीं डॉ. शिरीन कुरैशी ने भी संबोधित किया। इस वेबीनार में विषय विशेषज्ञ के रूप में तुलसी विषय के जानकार डॉ. कृष्ण मोहन मिश्र लखनऊ, डॉ. कृष्ण माधव मिश्र गाजियाबाद, डॉ सुषमा सिंह आगरा, डॉ रामकृष्ण शर्मा कानपुर, डॉ. अनिल कुमार शर्मा उदयपुर, डॉ किरण खन्ना पंजाब आदि ने व्याख्यान प्रस्तुत किया। इसके साथ ही 2 दिनों में 78 शोध आलेख देश के विभिन्न प्रांतों के प्रतिभागियों ने पढ़ें। नागपुर, महाराष्ट्र, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, सहित देश के विभिन्न भागों से प्रतिभागियों ने इस वेबीनार में भाग लिया।
इस वेबीनार को केए पीजी .कॉलेज, कासगंज के प्राचार्य, डॉ बी.के. तोमर ने आरंभ में स्वागत और अंत में आभार व्यक्त करते हुए संबोधित किया। 100 से अधिक प्रतिभागियों ने अपने अपने मौलिक शोध पत्र आयोजक समिति को उपलब्ध कराएं हैं। कार्यक्रम के संयोजक उमेश पाठक, भंवरलाल श्रीवास, आयोजक डॉ राधाकृष्ण दीक्षित, सह आयोजक डॉ प्रवीण कुमार सिह जादौन और डॉ रामकृष्ण शर्मा, डॉ. सुभाष दीक्षित आदि ने भी संबोधित किया। संग्रहीत शोध आलेखों का एक ग्रंथ बनाकर आयोजक समिति शीघ्र ही प्रकाशित करेगी। जिससे आने वाली नई पीढ़ी और तुलसी पर शोध करने वाले शोधार्थियों को सुगमता होगी।

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