रेड क्लब जिसने हजारों लोगों को दिया जीवन दान
रक्तदान सबसे बड़ा दान है, रक्त बनाने की कोई मशीन नहीं होती है...
बांदा, रक्तदान सबसे बड़ा दान है, रक्त बनाने की कोई मशीन नहीं होती है। इंसान का खून ही इंसान की जान बचा सकता है। जब मरीज जीवन और मौत के बीच संघर्ष करता है उस समय ब्लड की जरूरत पड़ती है। जरूरतमंदों को ब्लड उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया "RED CLUB" अपने उद्देश्यों में सफल रहा। 10 वर्षों के सफर में हजारों मरीजों को ब्लड उपलब्ध करा कर उन्हें जीवन दान दिया है।
रेडक्लब के संस्थापक बताते हैं कि "RED CLUB" की स्थापना 10 वर्ष पूर्व इसी उद्देश्य को लेकर की गई थी ताकि लोगों में जागरूकता हो कि किसी जरूरतमंद के समय कैसे उसकी मदद करनी है और लोग ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर सके। रक्तदान में किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है। सचिन चतुर्वेदी, श्याम जी निगम और अभिषेक सिंह संस्था के संस्थापक हैं।
आज संस्था के सक्रिय सदस्य प्रशांत श्रीवास्तव ने आज डॉक्टर रफीक नर्सिंग होम में भर्ती मरीज रवि शुक्ला के लिए रक्तदान दिया। प्रशांत श्रीवास्तव इसके पहले 22 बार रक्तदान कर चुके हैं। रेड क्लब के सदस्यों ने उनके इस कार्य के लिए धन्यवाद दिया।
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बताते चलें कि कोरोना महामारी के दौरान लोग अस्पताल जाने के साथ ही ब्लड बैंक जाने से भी डरते थे ऐसे में ब्लड बैंकों में रक्त का अभाव होने लगा है। इसी अभाव के काल में व्हाट्सअप ग्रुप "RED CLUB" के माध्यम से सैकड़ों लोगों को जीवनदान दिया गया है।
"RED CLUB" ग्रुप के एडमिन सचिन चतुर्वेदी बताते हैं कि खून देकर किसी की जान बचाने में सुकून मिलता है। ऐसे में विभिन्न जाति व धर्म के लोगों से खून का रिश्ता भी बना जाता है। बताया कि एक बार वह अपने बीमार रिश्तेदार के लिए खून लेने ब्लड बैंक गए थे। लेकिन वहां मौके पर रक्त नहीं मिला। उन्होंने अपना ब्लड देकर रिश्तेदार की जान बचाई। इसी से प्रेरित होकर उन्होंने ग्रुप तैयार किया। प्रतिमाह कई यूनिट ब्लड लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
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संस्था के वरिष्ठ सक्रीय सदस्य सत्यजीत तिवारी बताते है कि रेड क्लब के माध्यम से कई बार रक्तदान किया, रक्तदान कर मुझे बहुत सुकून मिलता है। रक्तदान करने से शरीर में कोई हानि भी नहीं होती है। स्वस्थ व्यक्ति को साल में दो बार रक्दान अवश्य करना चाहिए।