बाँदा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म 2 पर जान जोखिम में डालकर, ट्रेन में चढ़़ने को मजबूर है यात्री
आइए हम आपको बताते हैं की यहां इस तरह की घटनाएं क्यों होती है। जिससे यात्रियों को जान जोखिम में डालकर..
एक महिला और उसके साथ दो छोटे-छोटे बच्चे। महिला प्लेटफार्म नंबर एक पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस के आने का इंतजार करते है तभी एनाउंस होता है ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 2 पर आ रही है। महिला दोनों बच्चों और अपने समान के साथ तेजी से भागती है। ओवर ब्रिज चढ़कर किसी तरह प्लेटफार्म नंबर 2 पर पहुंचती है और जनरल कोच की तलाश में भागते भागते हांफने लगती है और बच्चे भी थक जाते हैं।
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प्लेटफार्म खत्म हो जाता है पर जनरल कोच नहीं मिलता। कुछ और दूर जाने पर बड़ी मुश्किल में जनरल कोच नजर आता है आप भी देखिए महिला अपने सामान के साथ जान जोखिम में डालकर कैसे ट्रेन में चढ़ पाती है और फिर बच्चे भी बड़ी मुश्किल में ट्रेन में चढ़ पाते हैं। और इसपर बाँदा के स्टेशन मास्टर का क्या कहना है आप भी सुनिए
- इसी तरह कई यात्री जिनमे बच्चे, बुजुर्ग सभी हैं जिन्हे बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ता है।
जी हाँ यही तस्वीर है बांदा रेलवे स्टेशन की, जहां रात में ट्रेन के प्लेटफार्म नंबर 2 में आने पर इसी तरह अफरा तफरी देखने को मिलती है। अचानक प्लेटफार्म बदलने और प्लेटफार्म से नीचे उतर चुकी ट्रेन पर चढ़ने में आए दिन दुर्घटनाएं हो जाती है। अभी 1 माह पहले ही अतर्रा निवासी भाई बहन ट्रेन पकड़ने की आपाधापी में ट्रेन से गिर जाते हैं और दोनों की मौत हो जाती है।
आइए हम आपको बताते हैं की यहां इस तरह की घटनाएं क्यों होती है। जिससे यात्रियों को जान जोखिम में डालकर ट्रेन में चढ़ने को मजबूर होना पड़ता है। बांदा रेलवे स्टेशन में दो प्लेटफार्म है। अक्सर रात में लॉग रूट वाली कई ट्रेनें होने की वजह से अगर प्लेटफार्म नंबर 1 पर कोई ट्रेन आ गयी, तो दूसरी ट्रेन प्लेटफार्म नंबर दो पर आती है, इन ट्रेनों में कोचों की संख्या 22 से 24 होती है।
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यही वजह है कि ट्रेन के कम से कम 5 डिब्बे प्लेटफार्म के बाहर निकल जाते हैं। जिससे यात्रियों को चढ़ने में दिक्कत होती है ज्यादातर नीचे उतरने वाले कोच जनरल के होते हैं। अगर यात्रिओं को अचानक प्लेटफार्म नंबर एक के एक छोर से प्लेटफार्म नंबर दो पर आना पड़े तो ओवरब्रिज होकर जनरल कोच पहुंचने में 5 से 8 मिनट लग जाता है। ऐसे में ट्रेन छूटने का खतरा रहता है। जिससे यात्री भागकर ट्रेन पकड़ने की कोशिश करते हैं।
इसी कारण दुर्घटनाएं हो जाती हैं। खासकर अगर जनरल बोगी प्लेटफार्म नंबर 2 के नीचे उतर जाती हैं तो बहुत ही मुश्किल का सामना करना पड़ता है। अगर प्लेटफार्म नंबर एक और दो के बीच दूसरे छोर से फुटओवर ब्रिज बना दिया जाए तो यात्रियों को ट्रेन पकड़ने में दिक्कत नहीं होगी। साथ ही प्लेटफार्म नंबर 2 को और आगे तक बढना चाहिए जिससे ट्रेन के कोच प्लेटफार्म से नीचे न जाने पाए।
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