ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज का हुआ अभिनंदन

जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में पद्म विभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य...

Mar 3, 2024 - 23:38
Mar 3, 2024 - 23:41
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ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज का हुआ अभिनंदन

बोले जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज-उनके लिखे ग्रंथों से संत, शिक्षाविदो को मिलेगी प्रेरणा

जगदगुरु ने वर्तमान तक लगभग 250 ग्रंथों का लेखन किया: आचार्य रामचन्द्र दास

चित्रकूट। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में पद्म विभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज का सम्मान अभिनंदन किया गया। विलक्षण प्रतिभा के धनी जगद्गुरु को भारतीय ज्ञानपीठ न्यास नई दिल्ली ने भारतीय साहित्य के लिए सर्वोच्च पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया है। कार्यक्रम के दौरान फूलमालाओं से अभिनंदन किया गया। इसके पूर्व जगदगुरु की ओर से आचार्य रामचन्द्र दास, कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यकम का औपचारिक शुभारंभ किये। सरस्वती वंदना संगीत विभाग की डा. ज्योति वैष्णव और डा. विशेष नारायण मिश्र ने प्रस्तुत किया। 

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तुलसी पीठ के युवराज आचार्य रामचन्द्र दास ने कहा कि गुरुदेव जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज को ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त होने पर सभी खुश है। यह पुरस्कार जगद्गुरु के वैदुष्य, संस्कृत साहित्य में उनकी अनवरत सेवा का अंकन हुआ है। जगदगुरु ने वर्तमान तक लगभग 250 ग्रंथों का लेखन किया है जो भारतीय समाज युगों-युगों तक याद करेगा। संचालित विभिन्न प्रकल्पों में साहित्य सेवा, दिव्यांगजन सेवा, संत सेवा, गौ सेवा सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि वह बेहद खुश हैं कि जीवन का यह उचित सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार के रूप में मिला है। लगभग 250 ग्रंथों की रचना इस भौतिक युग में सभी संतों, शिक्षाविदों को प्रेरणा देगा। साहित्य की विधि में इतना बडे-बडे महाकाब्य का लेखन जिसमे गीत, महाकाव्य, भार्गव राघवीयम, भृगंदुतम, पत्र काब्य, संस्कृत गध साहित्य, दशावतार सहित एकांकी, नाटक की प्रथम रचना की है।

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इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में सांसद आरके सिंह पटेल, पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र, प्रो. अल्का पांडेय लखनऊ विश्वविद्यालय, महंत मदन गोपाल दास कामतानाथ, महंत दिब्य जीवन दास, ट्रस्टी डा बीके जैन सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट, डीसीबी अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, समाजसेवी शानू गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी, नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता, प्रो. योगेशचन्द्र दुबे पूर्व कुलपति, प्रो. अवनीश चंद्र मिश्र ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर आचार्य हिमांशु तिवारी, आचार्य विशंभर, निर्मला वैष्णव तुलसीपीठ, कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय, कुलाधिपति के निजी सचिव आरपी मिश्रा, कुलसचिव मधुरेंद पर्वत, डा. मनोज पांडेय, डा. विनोद मिश्रा, डा. महेंद्र उपाध्याय, डा. अमित कुमार, डा. गुलाबधर, सुधीर कुमार  तकनीकी अधिकारी, एसपी मिश्रा, डा. विशेष दुबे, डा. नीतू तिवारी, डा. प्रतिमा शुक्ला, डा. संध्या पांडेय, गरिमा मिश्रा, जयवीर, पीआरओ सुधीर कुमार आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. प्रमिला मिश्रा ने किया। कुलाधिपति के निजी सचिव आरपी मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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