बुन्देलखण्ड में पलायन रोकना है तो कृषि को सुदृढ़ करना होगा : उप महानिदेशक उद्यान

भारतीय कृषि एवं उससे जुडे़ व्यवसाय पूरी दुनिया मे व्यवसाय करने के लिये सक्षम है, आने वाले समय मे हम बहुत बड़े पैमाने पर खाद्यान के निर्यातक बनेगे..

बुन्देलखण्ड में पलायन रोकना है तो कृषि को सुदृढ़ करना होगा : उप महानिदेशक उद्यान

बांदा,

भारतीय कृषि एवं उससे जुडे़ व्यवसाय पूरी दुनिया मे व्यवसाय करने के लिये सक्षम है, आने वाले समय मे हम बहुत बड़े पैमाने पर खाद्यान के निर्यातक बनेगे। बुन्देलखण्ड मे पलायन रोकना है तो कृषि को सुदृढ़ करना होगा। इसमे कृषि शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है अब समय आ गया है कि कृषि शिक्षा प्राप्त छात्र वैज्ञानिक किसान या कृषि उद्यमी बने। 

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यह बाते डा. ए.के. सिंह, उपमहानिदेशक उद्यान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, ने विश्वविद्यालय के 12वें स्थापना सप्ताह के तीसरे दिन आयोजित कार्यक्रम मे बतौर मुख्य अतिथि कही।  उन्होने कहा कि बुन्देलखण्ड का बड़े भूभाग मे औद्यानिकि की आपार संभावनाएं है। देश के आजादी के पहले कि परिस्थितियाँ बहुत ही बदली है, आज हम खाद्य पदार्थाे के साथ फल और सब्जियो मे भी आत्मनिर्भर हुए है। आज वैज्ञानिक एवं व्यवसायिक खेती समय की मांग है।

वैज्ञानिको के द्वारा तकनिकि विकास का परिणाम है कि खाद्य पदार्थ में हमारी निर्भरता बढी है, परन्तु आश्चर्य की बात यह भी है कि लगभग 250 मिलियन जनसंख्या आज भी कुपोषण की शिकार है। इसे दूर करने मे पोषण युक्त खाद्यान के साथ साथ सब्जियो एवं फलो का महत्वपूर्ण योगदान है। हमे जागरूकता के साथ साथ तकनिकि विकास पर भी जोर देना होगा। गेहुँ धान के अलावा हमे मोटे अनाज पर विशेष बल देना होगा।

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इसके लिये निति के साथ साथ तकनिकि एवं जागरूकता भी आवश्यक है। लेह लदाख से लेकर अरूणांचल प्रदेश तक हिमालय क्षेत्र फैला है जो बहुमूल्य फलो के लिये उत्तम क्षेत्र है। आज गेहुँ पर लगभग 11 रू प्रति कि. का उत्पादन खर्च आता है परन्तु यह खर्च फलो और मोटे अनाजो मे कम हो जाता है,  डा. सिंह ने अपने संबोधन मे कहा कि यहाँ अध्ययनरत छात्रो से विशेष तौर पर यह आग्रह किया कि कृषि का क्षेत्र बहुत ही व्यापक इसमे उद्यम एवं उद्यमिता विकास की आपार संभवानाएं है। शिक्षा ग्रहण करने के बाद इस ओर अपना ध्यान लगाये जिससे अन्य दक्ष लोगो को रोजगार भी दे सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि उपमहानिदेशक, उद्यान का विश्वविद्यालय के भ्रमण से यहाँ वैज्ञानिको मे नयी उर्जा का संचार करेगा।

कार्यक्रम मे उद्यान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. एस.वी. द्विवेदी ने विश्वविद्यालय के स्थापना वर्ष 2010 से लेकर अबतक की उपलब्धियो के बारे मे विस्तार से बताया। कार्यक्रम के दौरान पादप रोग विज्ञान केे विभागाध्यक्ष डा. वी.के.सिंह द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन मंचासीन अतिथियो के द्वारा भी किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा प्रातःकाल उद्यान के विभिन्न इकाइयो का भ्रमण तथा पोध रोपण भी किया गया। डा. विज्ञा मिश्रा ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी, प्रध्यापक, छात्र एवं छात्राए उपस्थित रहे।

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