महोबा : प्रशासनिक लापरवाही से सैकड़ो टन अनाज बदइंतजामी की भेंट चढ़ा

जहाँ एक ओर पिछले कई दिनों से हर जगह देश मे अनाज की कमी की बात लगातार उठती रही है, वही बुंदेलखण्ड में ये..

महोबा : प्रशासनिक लापरवाही से सैकड़ो टन अनाज बदइंतजामी की भेंट चढ़ा

जहाँ एक ओर पिछले कई दिनों से हर जगह देश मे अनाज की कमी की बात लगातार उठती रही है, वही बुंदेलखण्ड में ये मामला संज्ञान में आया है जिसमें जनपद मुख्यालय में बीती शाम सरकार के नुमाइंदों की  बदइंतजामी के चलते सैकड़ो टन करोड़ो रुपए कीमत का अनाज तूफानी बारिश में भीगकर बर्बाद हो गया व दूसरी तरफ महोबा जंक्शन रेलवे स्टेशन में रखी चावल की हजारों बोरियां घंटों पानी मे भीगती रहीं।

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नवीन गल्ला मंडी में तो किसानों के गेहूं और मूंगफली के हजारों बोरे खुले आसमान के नीचे  लबालब पानी से सराबोर नजर आये । जिसके लिये किसानों ने साफ तौर पर मंडी समिति के अधिकारियों पर उँगली उठाई एवं कहा कि उनकी ही लापरवाही के कारण ये अनाज बर्बाद हुआ । गौर करने लायक है  कि माह अप्रैल की शुरुआत से ही भीषण गर्मी पड़ रही है । 

जिसमें पारा दिन व दिन लगातार बढ़ता गया और अप्रैल मई में ही 47 से 48,49 का रिकार्ड पार कर लिया, सोमवार शाम को क्षेत्र वासियों ने तब राहत की सांस ली जब तेज आँधी के साथ आई बारिश ने मौसम सुहाना कर दिया। लेकिन शहर में अनाज भंडारण का कोई इंतजाम न होने के कारण आयी बारिश से महोबा रेलवे स्टेशन व नवीन मंडी स्थल में खुले आसमान के नीचे बोरों में रखी फसल पानी पानी हो गई। 

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नगर में तीन दिन पहले ही महोबा रेलवे स्टेशन पर पंजाब से  16000 टन चावल आया था । चावल की यह बोरियां रेलवे स्टेशन पर खुले आसमान के नीचे रखी हुई थीं। जिन्हें तीन दिन बाद भी एफसीआई गोदाम तक पहुंचाने की शुध किसी भी सम्बंधित अधिकारी या उनके अधीनस्थों नहीं आयी। जबकि तीन दिनों से रोजाना मौसम का मिजाज लगातार गड़बडा़ रहा था, इन्हीं बदइंतजामी के कारण पूरा चावल बारिश में भीग गया ।

वहीं दूसरी तरफ बारिश के कारण नवीन गल्ला मंडी में जलभराव हो गया। जिससे वहां खुले में रखे अनाज के हजारों बोरा गेहूं व मूंगफली जलमग्न हो गए। जिससे किसानों व आढ़तियों में बदइंतजामी को लेकर आक्रोश फैल गया।  मई - जून में कब पानी बरसने लगेगा इसका कोई ठिकाना पहले भी नहीं रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या जिले जिम्मेदारी अधिकारियों कर्मचारियों को क्या इस बात का रत्तीभर भी अंदाजा नहीं था,  प्रसाशनिक लापरवाही  हुई जिसमें सैकड़ो टन अनाज बदइंतजामी की भेंट चढ़ गया ।

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