कोरोना काल में नौ माह में इसके मिले सिर्फ तीन रोगी 

मलेरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग के जागरूकता अभियान का असर साफ दिखाई दे रहा है पिछले साल के मुकाबले इस साल मलेरिया मरीजों में कमी आई है...

कोरोना काल में नौ माह में इसके मिले सिर्फ तीन रोगी 

  • पिछले साल बनीं 46498 स्लाइड में मिले थे 48 मरीज 

मलेरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग के जागरूकता अभियान का असर साफ दिखाई दे रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल मलेरिया मरीजों में कमी आई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में 46498 स्लाइड बनाई गई थीं, जिसमें 48 मलेरिया पाजिटिव मरीज मिले थे। इस वर्ष जनवरी से अब तक 16626 स्लाइड बनाई गई हैं और महज तीन मलेरिया पाजिटिव मरीज मिले हैं।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज कांत सिन्हा ने बताया कि पिछले कई वर्षो में मलेरिया रोग की रोकथाम, बचाव,उपचार और नियंत्रण के लिए सार्थक व कारगर प्रयास जारी है। कोरोना संक्रमण के चलते मलेरिया पर ज्यादा फोकस नहीं कर पाए,  इसके बावजूद  लगातार फागिंग और छिड़काव की वजह से मलेरिया का लार्वा काफी हद तक नष्ट हुआ है। इससे मलेरिया मरीजों में वृद्धि नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि पिछले साल 48 और इस साल महज तीन ही मलेरिया मरीज मिले हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले साल पनवाड़ी ब्लाक में 16, जैतपुर में 17, कबरई में 5 व चरखारी में 6 सहित नगर क्षेत्र में 4 मलेरिया मरीज मिले। इस साल करबई में दो और जैतपुर में एक ही मरीज मिला। जिला मलेरिया अधिकारी आरपी निरंजन ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले वर्षों की अपेक्षा इस बार अधिक सेनेटाइजेशन कराया गया। गांव-गांव जाकर लोगों को सफाई के लिए प्रेरित किया गया। पंपलेट और पोस्टर का भी सहारा लिया गया। मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मलेरिया की रोकथाम के लिए जागरूकता की जारूरत है।

मलेरिया में प्रायः ठंड या सर्दी लगकर बुखार आता है, एक या दो दिन छोडकर बुखर आना व तेज सिरदर्द, जी घबराना, हाथ पैर में दर्द होना आदि इस रोग के लक्षण हैं । यह रोग संक्रमित व्यक्ति से व मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है।

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