बुंदेली सिनेमा को नई ऊंचाई देने के लिए बुंदेली फिल्म एसोसिएशन का गठन
बुंदेली सिनेमा की बढ़ती लोकप्रियता और इसे राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से बुंदेली फिल्म...
बुंदेली सिनेमा की बढ़ती लोकप्रियता और इसे राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से बुंदेली फिल्म एसोसिएशन के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी सिलसिले में छतरपुर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एसोसिएशन कार्यालय में बुंदेलखंड के 15 जिलों से आए कलाकारों की एक अहम बैठक आयोजित की गई।
बैठक में मौजूद मुंबई के प्रसिद्ध निर्देशक नारायण चौहान ने कहा कि बुंदेली सिनेमा को अगर सिनेमा घरों तक पहुंचाना है तो एक मजबूत संगठन का निर्माण बेहद जरूरी है। छतरपुर के अखिलेश निगम और उनकी टीम के नीतेश सिंघल व सौरभ शर्मा ने कहा कि एसोसिएशन के माध्यम से बुंदेली कलाकारों को न सिर्फ पहचान मिलेगी बल्कि उनकी कला को पूरे भारत में नई पहचान मिलेगी।
बैठक में बुंदेलखंडी गायन, वादन, अभिनय और नृत्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों ने अपने विचार रखते हुए एसोसिएशन के गठन का समर्थन किया। दमोह से आए कलाकार मधुर ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अमेरिका में की और पिछले 20 वर्षों से फिल्म उद्योग में सक्रिय हैं। उन्होंने दमोह में रहकर बुंदेली संस्कृति को बढ़ावा देने की बात कही।
योगेंद्र योगी ने कहा कि बुंदेलखंड को अपनी अलग पहचान बनाने के लिए सबसे पहले बुंदेली भाषा को आत्मसात करना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि अपनी भाषा बोलने में झिझक खत्म करनी होगी। वहीं, बांदा से आए अतुल मोहन ने सुझाव दिया कि बुंदेली भाषा का अपना एक टीवी चैनल होना चाहिए, जो इस क्षेत्र की कला और संस्कृति को प्रोत्साहित कर सके।
अखिलेश निगम ने बताया कि एसोसिएशन की कोर कमेटी का गठन अगली बैठक में किया जाएगा। इसमें बुंदेलखंड के हर जिले से एक प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा।
इस बैठक में छतरपुर, दमोह, झांसी, टीकमगढ़, बांदा, पन्ना, नौगांव, शिवपुरी, महोबा सहित अन्य जिलों से आए कलाकारों ने भाग लिया। प्रमुख प्रतिभागियों में शिवेंद्र शुक्ला, देवेंद्र सोनी, आनंद शर्मा, प्राची चौरसिया, योगेंद्र खरे, सतीश अग्रवाल, आदित्य, शिव कुमार पांडे आदि शामिल रहे। सभी ने बुंदेली सिनेमा के सुनहरे भविष्य के लिए एसोसिएशन को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश सरकार भी इसके लिए प्रोत्साहन दे रही है।