महोबिया पान को पुनः देश-विदेश में पहचान दिलाने के लिए किया जाएगा प्रयास : डीएम
पान भारत की प्रमुख व्यवसायिक फसल है, इसका लगभग 40,000 हेक्टेयर क्षेत्र में उत्पादन किया जाता है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 6,000 से 8,000 करोड़ की आय प्राप्त होती है..
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पान भारत की प्रमुख व्यवसायिक फसल है। इसका लगभग 40,000 हेक्टेयर क्षेत्र में उत्पादन किया जाता है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 6,000 से 8,000 करोड़ की आय प्राप्त होती है। इसकी खेती और व्यापार से जुड़े लाखों लोगों के जीविकोपार्जन का यह एक महत्वपूर्ण साधन है। भारतीय उपमहाद्वीप में पान का जितना महत्व है, उतना कहीं नहीं है। पान एक नगदी फसल है।
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वेदों एवं पुराणों तथा अन्य प्राचीन संस्कृत साहित्य के उद्धरणों से प्रमाणित होता है कि हमारी सभ्यता, धर्म और इतिहास से पान का घनिष्ठ संबंध रहा है। पान का मानव जीवन में औषधीय महत्व भी है। आयुर्वेद के महान ग्रंथ सुश्रुतसंहिता के अनुसार पान गले की खरास और आवाज को मधुर करता है।
फेफड़े की सूजन, खाँसी , सर्दी , जुकाम एवं पाचन तन्त्र के विकार में यह अत्यंत उपयोगी है। भारत वर्ष के लगभग 20 राज्यों में इसकी खेती व्यवसायिक स्तर पर की जाती है। उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद में पान काफी मात्रा में होता रहा है। यहां के देशावरी पान ने देश व दुनियां में अपनी पहचान बनायी है। यह पान 14 लाभप्रद गुणों से सम्पन्न होता है।
उक्त विचार जिला मजिस्ट्रेट सत्येंद्र कुमार ने पान व्यवसायियों, कृषकों की समस्याओं के समाधान के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में आहूत बैठक में व्यक्त किये। इस अवसर पर उन्होंने पान किसानों से महोबा में लगातार घट रहे पान के क्षेत्रफल के सम्बंध में वार्ता की तथा पान किसानों की प्रमुख समस्याओं यथा किराये की भूमि पर खेती करना, सिंचाई के संसाधनों का अभाव, पान फसल बीमा की अनुपलब्धता, दैवीय आपदा में राहत न मिलना, पान मार्केटिंग की असुविधा, पान प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र महोबा में कर्मचारियों की अनुपलब्धता, केरोसीन तेल का मिलना, ट्रांसपोर्टेशन की असुविधा आदि को सुना तथा जल्द से जल्द समस्याओं को दूर करने का आस्वासन दिया।
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उन्होंने कहा कि जल्द ही महोबा के किसानों को एफपीओ, मार्केटिंग, केरोसीन, बीमा एवं ट्रांसपोर्टेशन आदि की सुविधा मुहैया करायी जाएगी और पान किसानों पर विशेष ध्यान देते हुए महोबिया पान को पुनः देश- विदेश में पहचान दिलाने का कार्य किया जाएगा। इस दौरान डीएम ने डीएचओ विजय चैरसिया को यह निर्देश दिया कि श्रीनगर क्लस्टर में रूर्बन मिशन अंतर्गत चयनित 13 गांवों में सरकारी भूमि का चयन कराकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पान की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होंने उपायुक्त उद्योग विमल द्विवेदी को निर्देश दिया कि जनपद में पान से सम्बंधित एमएसएमई उद्योग को लगाने का प्रयास किया जाए। इसके अलावा उन्होंने पान मंडी में अतिक्रमण सम्बन्धी समस्या को दूर कराने, वहां पान किसानों के लिए शेड बनवाने एवं पेयजल की व्यवस्था कराने की बात कही।
हिन्दुस्थान समाचार
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