बांदा सदर विधानसभा - भाजपा के सामने दूसरी बार जीत बरकरार रखने की चुनौती

बुंदेलखंड में केन नदी के तट व ऋषि बामदेव की तपोभूमि पर जिला बांदा स्थित है। राजधानी लखनऊ से दूरी लगभग 200 किमी दूर भगवान राम..

Jan 28, 2022 - 06:22
Jan 28, 2022 - 06:27
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बांदा सदर विधानसभा - भाजपा के सामने दूसरी बार जीत बरकरार रखने की चुनौती
माहेश्वरी देवी मंदिर बाँदा (Maheshwari Devi Temple banda)

बुंदेलखंड में केन नदी के तट व ऋषि बामदेव की तपोभूमि पर जिला बांदा स्थित है। राजधानी लखनऊ से दूरी लगभग 200 किमी दूर भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट से महज 70 किमी पश्चिम में पर बांदा मुख्यालय बांदा है। जनपद की सबसे वीआईपी सीट सदर है क्योंकि इस विधानसभा में जिला एवं मंडल मुख्यालय बना हुआ है। बांदा सदर विधानसभा का सीट क्रमांक 235 है। बांदा सदर सीट पर आजादी के बाद से सबसे ज्यादा कांग्रेस का दबदबा रहा है।

भाजपा को 2017 में दूसरी बार जीत मिली भाजपा इस बार जीत बरकरार रख पायेगी? इस सीट से दो बार बसपा को भी जीत मिली है। वहीं 1993 के बाद सत्ताधारी भाजपा को कई साल वनवास काटने के बाद 2017 में दूसरी बार जीत मिली। एक समय जमुना प्रसाद बोस का नाम लोगों की जुबान पर रहता था जिन्होंने 4 बार जीत हासिल की थी। इसके बाद लोग विवेक सिंह को अपना सहयोग देते रहें जिन्हें 3 बार विधायक बनने का मौका मिला।

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1951 से 1962 तक कांग्रेस ने हैट्रिक लगाई थी जिसमें पहलवान सिंह (लगातार दो बार) व बृजमोहन लाल गुप्ता ने जीत दर्ज की थी। 1967 में भारतीय जनसंघ से जीएस सराफ, पुनः 1969 में कांग्रेस से महिरजध्वज सिंह विधायक बने थे। 1974 व 1977 में जमुना प्रसाद बोस ने सामाजिक व जनता पार्टी से चुनाव जीता।

1980 में कांग्रेस से सीपी शर्मा, 1985 व 1989 में पुनः लगातार दो बार जमुना प्रसाद बोस ने जनता पार्टी व जनता दल से विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। 1991 में बसपा से नसीमुद्दीन सिद्दीकी,1993 में भाजपा से राजकुमार शिवहरे ने भाजपा का खाता खोला। फिर मतदाताओं ने 1996 में कांग्रेस से विवेक कुमार के हाथ में कमान सौंप दी लेकिन अगले चुनाव में विवेक सिंह को 2002 में बसपा के बाबूलाल कुशवाहा ने मात दे दी।

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दिलचस्प बात यह रही है पुनः कांग्रेस से विवेक सिंह 2007 व 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा को ही हराकर विधायक बने थे। जिससे यह सीट कांग्रेस की वीआईपी सीट बन गयी थी लेकिन 2017 के चुनाव में भाजपा ने यह सीट उनसे छीनकर अपने नाम की थी।

 

बांदा की आबादी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लगभग 21 लाख 20 हजार 998 है. जिसमें पुरुष 11 लाख 38 हजार 496 व महिला 9 लाख 82 हजार 502 हैं. यहां राजस्व गांव 761 हैं. बांदा विधानसभा में निर्वाचन कार्यालय के अनुसार कुल मतदाता  3 लाख 4 हजार 361 है जिसमें पुरुष 1 लाख 66 हजार 543 व महिला 1 लाख 37 हजार 801 व 17 अन्य मतदाता हैं।

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