गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण की खुदाई में निकल रही है देवी-देवताओं की प्राचीन और आकर्षक मूर्तियां 

गंगा-एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर चल रही खोदाई के दौरान जमीदोंज राजा सालवाहन के किले से पुरात्व मूर्तियां...

गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण की खुदाई में निकल रही है देवी-देवताओं की प्राचीन और आकर्षक मूर्तियां 

गंगा-एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर चल रही खोदाई के दौरान जमीदोंज राजा सालवाहन के किले से पुरात्व मूर्तियां निकल रही है। तकरीबन 50 बीघा में फैले किला को 20 से 25 फीट तक की गहरायी से खोदा जा रहा है। ताकि जमीन का समतल किया जा सके। खोदाई के दौरान किले के गहराई से राख भरे मटके, क्षतिग्रस्त पुरानी मूर्तियां एवं कुआं निकाल रहे है। जिसमें विष्णु भगवान की मूर्ति भी निकली है। जिसे गांव के प्रधान ने वहां स्थित एक मंदिर पर रख दिया है।

ग्रामीणों की शिकायत के बाद बिसौली तहसील की लेखपालों की टीम ने यहां नापजोख की। जिससे पता चल सके कि कितनी जमीन का बैनामा है और कितनी जमीन की खुदाई की जा रही है। 

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जिले में गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। इसके लिये अड़ानी ग्रुप द्वारा एक्सप्रेस-वे की जमीन को समतल करने का कार्य किया जा रहा है। बिसौली तहसील क्षेत्र में सहसवान रोड स्थित गांव कोट के समीप करीब 15 दिन पूर्व जेसीबी से खोदाई कार्य किया जा रहा था। जहां सातवाहन राजवंश के प्रतापी राजा सालवाहन के किले के जमीन की खोदाई की गयी। करीब 20 फीट तक की गयी खोदाई के दौरान पुरात्व काल की मूर्तियां निकलने से इलाके में खलबली मच गयी।

इलाके के संभ्रात मौके पर पहुंचे। जिन्होंने मूर्तियों को संरक्षित कर लिया। कुछ जेसीबी से चल रही खोदाई की वजह से क्षतिग्रस्त हो गयी है। इनमें एक विशालकाय मूर्ति निकली है। ग्राम प्रधान मोहित सक्सेना ने बताया कि एक क्विंटल एक किलो की भगवान विष्णु की मूर्ति निकली है। 

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आकर्षण का केंद्र बनी मूर्तियां

गांव कोट में बदायूं राजा सालवाहन का किला मौजूदा समय में जमींदोज है। इसके ऊपर खेत खलिहान है। कहीं-कहीं किले के अवशेष के रूप में टीले बचे है। जिसे समतल करने के लिये खोदाई की जा रही है। खोदाई के दौरान देवी-देवताओं की प्राचीन और आकर्षक मूर्तियां निकल रही है। जोकि आकर्षण का केंद्र बन रही है। ग्राम प्रधान के मुताबिक, अभी तक हाथी पर सवार इंद्र देव की मूर्ति, द्वारपाल, भगवान विष्णु की मूर्ति, चेत्रपाल, भगवान शिव के वाहन नंदी समेत आदि देवी देवताओं की मूर्तियां निकल रही है।

ग्रामीण की सजगता से कुछ मूर्तियां सूरक्षित निकलकर संरक्षित कर ली गयी है। इतिहासकार गिरिराज नंदन का कहना है कि यहां जो प्रतिमायें मिलीं हैं उसमें कुछ तो नईं हैं जो गुप्त काल की हैं, बाकी प्रतिमायें जो खंड़ित हैं वो दूसरी और तीसरी शताब्दी की हैं। सालवाहन के वंशजों ने बदायूं में शासन किया।

गंगा एक्सप्रेस वे रुट

(गंगा एक्सप्रेस वे) एक ग्रीनफील्ड परियोजना (प्लांटड व शुरुआत से बने) है। इसे छह-लेन कॉरिडोर बनाने की योजना है जिसे जरूरत पड़ने पर 8 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। इसकी कुल लंबाई 594 किमी होगी। (गंगा एक्सप्रेस वे) उत्तर प्रदेश के 12 से अधिक जिलों को कनेक्ट करेगा। गंगा एक्सप्रेस वे  कॉरिडोर काफी खास है क्योंकि यह पूर्वी यूपी को राज्य के पश्चिमी हिस्से से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण कॉरिडोर होगा।

राज्य के पूर्वी और पश्चिमी नोड्स की कनेक्टिविटी से पूरे कॉरिडोर का ढांचागत और आर्थिक विकास हो सकेगा। गंगा एक्सप्रेस वे का उद्देश्य गंगा नदी पर पड़ने वाले ग्रामीण क्षेत्रों को अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

गंगा एक्सप्रेस वे ग्रामीण यूपी के अभी तक एक्सप्रेसवे से कनेक्ट न हुए इलाकों में परिवहन नेटवर्क को सुव्यवस्थित करने में सहायक होगा। एक ओर, पूर्व-पश्चिम कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, तो दूसरी ओर यह एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट इकोसिस्टम को भी आगे बढ़ाएगा और कवर किए गए जिलों के औद्योगिक एवं आर्थिक विकास को लाभान्वित करेगा।

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 गंगा एक्सप्रेस वे निम्नलिखित जिलों को कवर करेगा

मेरठ
हापुड़
बुलंदशहर
अमरोहा
संभल
बदायूं
शाहजहांपुर
हरदोई
उन्नाव
रायबरेली
प्रतापगढ़
प्रयागराज

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