यहाँ के पूर्व छात्रों ने कोरोना महामारी में बनाया विश्वस्तरीय आईसीयू

कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग को मजबूत करने के लिए कानपुर आईआईटी ने कई तकनीकी उपकरणों को इजाद किया..

Mar 16, 2021 - 13:44
Mar 16, 2021 - 13:46
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यहाँ के पूर्व छात्रों ने कोरोना महामारी में बनाया विश्वस्तरीय आईसीयू

कानपुर,

  • केन्द्रीय शिक्षा मंत्री मंगलवार को द वेंटीलेटर प्रोजेक्ट पुस्तक को करेंगे लांच

कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग को मजबूत करने के लिए कानपुर आईआईटी ने कई तकनीकी उपकरणों को इजाद किया। इनमें सबसे खास रहा कि विश्वस्तरीय आईसीयू। जिसको आईआईटी के पूर्व छात्रों ने 90 दिनों में तैयार किया था। इसकी सराहना पूरे देश में हुई और केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी भरपूर प्रशंसा की।

इस विश्वस्तरीय आईसीयू को कैसे कम समय में बेहतर तकनीक का प्रयोग करते हुए बनाया गया उसको लेकर द वेंटीलेटर प्रोजेक्ट पुस्तक लिखी गयी और इस पुस्तक को मंगलवार को वर्चुअल प्लेटफार्म के जरिये रमेश पोखरियाल लांच करेंगे।

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भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्री (शिक्षा मंत्री) रमेश पोखरियाल निशंक मंगलवार को आईआईटी कानपुर द्वारा आयोजित एक आभासी कार्यक्रम में पुस्तक “द वेंटीलेटर प्रोजेक्ट” का विमोचन करेंगे।

द वेंटीलेटर प्रोजेक्ट के लेखक प्रोफेसर अमिताभ बंद्योपाध्याय (आईआईटी कानपुर इनक्यूबेटर, एसआईआईसी के प्रोफेसर) और एक अनुभवी आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र और इनक्यूबेटर में बोर्ड के सदस्य श्रीकांत शास्त्री हैं।

यह 90 दिनों की असाधारण अवधि में आईआईटी कानपुर कंसोर्टियम द्वारा नोकार्क वी—310 वेंटिलेटर के निर्माण का एक अविश्वसनीय कहानी है। बताया गया कि पिछले वर्ष 16 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 समाधान चुनौती के शुभारंभ के साथ कोविड-19 से लड़ने के लिए स्पष्ट आह्वान किया।

प्रो. बंद्योपाध्याय ने आईआईटी कानपुर की इनक्यूबेटेड कंपनियों के बीच इसे प्रसारित किया, उन्हें कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्टार्ट-अप्स द्वारा उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं मिलीं।

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प्रधानमंत्री के उस आह्वान के परिणाम स्वरुप निखिल कुरेल और हर्षित राठौर के नेतृत्व में नोकार्क रोबोटिक्स कंपनी ने धैर्य और महत्वाकांक्षा के साथ राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच पूरी तरह कार्यात्मक कम लागत वाले वेंटीलेटर का विकास किया।

ये साहसी उद्यमी अनुभवी मेंटरों द्वारा समर्थित थे जिन्होंने 90 दिनों में असंभव संभव बना दिया था। वे दैनिक तौर पर जूम कॉल पर मिले और अक्षम लॉकडाउन प्रतिबंधों को दूर करने के लिए व्हाट्सएप टेक्स्ट का आदान-प्रदान किया।

इस उपलब्धि से नोकार्क टीम को सभी लोगों से प्रशंसाओं का गर्व प्राप्त हुआ है, जो हाल ही में ‘वेंटिलेटर’ श्रेणी में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ 2020) में विजेता रही है। 

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  • शैक्षणिक संस्थानों को प्रेरणा देगी पुस्तक

आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने लेखकों को उनके प्रयासों के लिए बधाई देते हुए कहा कि, “अमिताभ और श्रीकांत की पुस्तक जुनून, प्रतिबद्धता और सहयोग की एक रोमांचक यात्रा को दर्शाती है।

पुस्तक दिखाती है कि युवा प्रतिभाओं की ऊर्जा और उत्साह जब अनुभवी नेतृत्व द्वारा निर्देशित और चैनल किए जाते हैं तो वे चमत्कार कर सकते हैं।

मुझे उम्मीद है कि यह पुस्तक हमारे शैक्षणिक संस्थानों, उद्यमियों और उद्योग को प्रेरणा देगी कि वे भारत को प्रौद्योगिकी विकास में नेतृत्व का दर्जा दिलाने के लिए और अधिक सहयोग करे।

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हि.स

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