इलाहाबाद झांसी खंड स्नातक चुनाव में यज्ञदत्त शर्मा की राह आसान नहीं
इलाहाबाद झांसी खंड स्नातक चुनाव में पांचवी बार चुनाव मैदान ताल ठोक रहे यज्ञदत्त शर्मा की राह आसान नहीं है क्योंकि इस बार...
इलाहाबाद झांसी खंड स्नातक चुनाव में पांचवी बार चुनाव मैदान ताल ठोक रहे यज्ञदत्त शर्मा की राह आसान नहीं है क्योंकि इस बार के चुनाव में बुंदेलखंड से चार प्रत्याशी भी किस्मत आजमा रहे हैं।इनमें युवा प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक रहे अमित गुप्ता उनकी राह में बाधक बन सकते हैं।
इलाहाबाद झांसी खंड स्नातक चुनाव के लिए मतदान 1 दिसंबर को होना है इसके लिए प्रत्याशियों ने युद्ध स्तर पर जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। इस निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 10 जनपद आते हैं।इनमें बुंदेलखंड के बांदा चित्रकूट, महोबा ,हमीरपुर, उरई, ललितपुर और झांसी शामिल है।वही इलाहाबाद क्षेत्र में कौशांबी और फतेहपुर जनपद आते हैं ,इन सभी जनपदों में वोटरों को रिझाने के लिए प्रत्याशी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बाद भी प्रत्याशियों की जोश में किसी तरह की कमी नहीं है।
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इस बार इस निर्वाचन क्षेत्र से कुल 16 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 10 प्रत्याशी इलाहाबाद क्षेत्र से हैं जबकि बुंदेलखंड के 4 प्रत्याशी हैं इनमें झांसी से अरविंद परमार ,उरई से डॉ शबनम और बांदा जनपद से रमेश दुबे तथा व्यापारी नेता अमित गुप्ता शामिल है।इलाहाबाद के यज्ञदत्त शर्मा भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी हैं जो पिछले 4 बार से लगातार चुनाव जीत रहे हैं।
वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर अजय सिंह को आजमाया है जबकि समाजवादी पार्टी ने मान सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से पांचवी बार चुनाव मैदान में उतरे यज्ञदत्त शर्मा से मतदाता इस बार असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। खासकर शिक्षकों का मानना है कि जब जब शिक्षकों के अधिकारों की बात आती है तब श्री शर्मा उनकी लड़ाई से पीछे हट जाते हैं ,जो प्रत्याशी उनके अधिकारों की लड़ाई न लड़ सके उस प्रत्याशी पर बार-बार विश्वास जिताने का औचित्य नहीं है।वही अन्य दलीय प्रत्याशियों से भी मतदाताओं का मोहभंग हो गया है।
शिक्षक व बेरोजगारों को रिझा रहे
इधर हर प्रत्याशी शिक्षक व शिक्षित बेरोजगारों को रिझाने में लगा है।2002 व 2014 में स्नातक चुनाव लड़ चुके अजय सिंह शिक्षित युवाओं को रोजगार व वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय के नाम पर वोट मांग रहे हैं। डॉ. यज्ञदत्त शिक्षा व शिक्षक हित में कराए गए अपने कार्यों को लेकर वोटरों से संपर्क कर रहे हैं। वे केंद्र व प्रदेश सरकार की जनहित नीतियों का भी बखान कर रहे हैं। सपा प्रत्याशी पुरानी पेंशन बहाली का वादा जोर-शोर से कर रहे हैं। वहीं इस बार बांदा जनपद के युवा व्यापारी अमित गुप्ता लोकप्रियता के मामले में अन्य सभी प्रत्याशियों को पीछे छोड़ते नजर आ रहे हैं।
वित्तविहीन शिक्षकों का एक बड़ा वर्ग उन्हें सपोर्ट कर रहा है वही पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे अशोक राठौर ने भी उन्हें अपना समर्थन दे रखा है। इसके अलावा बुंदेलखंड प्राइवेट टीचर कोचिंग सेंटर से जुड़े मतदाता भी उनके साथ खडे नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं वह जन अधिकार व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं जिससे व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग भी उनके समर्थन में कूद पड़ा है। जिससे इस बार का चुनाव रोचक हो सकता है।
हालांकि हर बार 63,284 मतदाताओं वाला प्रयागराज निर्णायक साबित होता है। इस बार वहां एक साथ 10 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं ऐसे में स्वाभाविक है कि मतों का विभाजन होगा ,जबकि बुंदेलखंड में मात्र 4 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं यहां 7 जनपदों में 66762 मतदाता निर्णायक है। वैसे तो इलाहाबाद परिक्षेत्र में कौशांबी और फतेहपुर को मिलाकर मतदाताओं की संख्या लगभग 90398 है इस तरह बुंदेलखंड और इलाहाबाद क्षेत्र के कुल मिलाकर मतदाताओं की संख्या 1,57,160 है।
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यही मतदाता इस बार स्नातक प्रत्याशियों का भविष्य तय करेंगे। वोटर किस ओर जाएंगे उसका पता तो 1 दिसंबर को होने वाले मतदान के बाद पता चलेगा। लेकिन 10 जिलों में फैले मतदाताओं का रुझान किस प्रत्याशी की ओर है अभी कुछ तस्वीर साफ नहीं है। जो भी प्रत्याशी सभी 10 जनपदों मैं मतदाताओं को रिझाने में कामयाब होगा।उसी की जीत पक्की है।यही कारण है कि हर प्रत्याशी वोटरों को साधने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
किस जिले में हैं कितने वोटर
प्रयागराज में 63,284, कौशांबी, 11,359, फतेहपुर में 15,755, चित्रकूट में 6,056, बांदा में 10,876, हमीरपुर में 6,457, महोबा में 4,430, जालौन में 17,575, झांसी में 15,079 व ललितपुर में 6,289 वोटर हैं।