आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा पर यूपी एसटीएफ भी रखेगी पैनी नजर
उत्तर प्रदेश में 27 जुलाई (रविवार) को प्रस्तावित आरओ और एआरओ परीक्षा को शुचितापूर्ण तरीके से संपन्न कराने...

गोपनीय सामग्री की सुरक्षा से लेकर अभ्यर्थियों की तलाशी तक हर कदम पर होगा कड़ा प्रबंध
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 27 जुलाई (रविवार) को प्रस्तावित आरओ और एआरओ परीक्षा को शुचितापूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए आयोग और राज्य सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एसटीएफ, खुफिया एजेंसियों और पुलिस विभाग को विशेष जिम्मेदारी दी गई है।
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प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि परीक्षा से पूर्व ही चिन्हित संवेदनशील केंद्रों की विशेष निगरानी के लिए एसटीएफ को निर्देशित किया गया है। राज्य सरकार ने परीक्षा की शुचिता भंग करने वाले पुराने आरोपितों और सक्रिय नकल गैंग की पहचान कर उनके खिलाफ सतत निगरानी और रोकथाम के आदेश जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि पूर्व में परीक्षा अपराधों में लिप्त रहे गैंग और आरोपित यदि इस समय जमानत पर हैं तो उन पर विशेष नजर रखी जाएगी। एसटीएफ द्वारा सोशल मीडिया के खुले प्लेटफॉर्म की निगरानी के साथ-साथ व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसे अफवाह फैलाने वाले माध्यमों पर भी नजर रखी जाएगी। परीक्षा के दौरान कोचिंग संस्थानों की गतिविधियों पर भी नजर रखने के लिए समर्पित टीमें तैनात रहेंगी, जो संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी संबंधित एजेंसियों को तुरंत उपलब्ध कराएंगी।
प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर पुलिस बल तैनात रहेगा जो परीक्षा के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ अभ्यर्थियों की गहन तलाशी (फ्रिस्किंग) करेगा ताकि कोई भी निषिद्ध सामग्री लेकर अंदर न जा सके। गोपनीय बंडलों की ट्रेजरी से निकासी से लेकर उत्तर पुस्तिकाओं के डिस्पैच तक पूरी प्रक्रिया में सशस्त्र गार्ड और वरिष्ठ अधिकारी की मौजूदगी अनिवार्य की गई है। यदि परीक्षा के दौरान कोई भी अभ्यर्थी या व्यक्ति अनुचित साधनों के प्रयोग में संलिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के अंतर्गत कठोर वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
परीक्षा के दिन आयोग और एसटीएफ के बीच समन्वय बनाए रखने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित किया जाएगा। इसके अलावा हर जिले में पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक स्तर के नोडल अधिकारी की प्रत्यक्ष निगरानी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि 27 जुलाई को सभी 75 जनपदों में यह परीक्षा आयोजित की जा रही है। प्रातः 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक एक पाली में आयोजित होने जा रही इस परीक्षा में 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। इसके लिए समस्त जनपदों में 2,382 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। हर जिले में जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है जो परीक्षा की संपूर्ण व्यवस्था की निगरानी करेंगे और आवश्यकतानुसार त्वरित निर्णय ले सकेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार
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