ग्वालियर से झांसी स्टेशन तक मच गया हड़कंप,नांदेड़ एक्सप्रेस बिना गार्ड के दौड़ती रही
ग्वालियर से चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां स्टेशन पर खड़ी ट्रेन संख्या 12486 श्रीगंगानगर नांदेड़ एक्सप्रेस बिना गार्ड के ही चलने लगी। चलते ..
ग्वालियर से चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां स्टेशन पर खड़ी ट्रेन संख्या 12486 श्रीगंगानगर नांदेड़ एक्सप्रेस बिना गार्ड के ही चलने लगी। चलते वक्त उसकी गति 40 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई। गार्ड गाड़ी के पीछे दौड़ता रहा, लेकिन वह निकल गई। इस घटना के बाद ग्वालियर से लेकर झांसी स्टेशन तक हड़कंप मच गया।
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गाड़ी 6 सितंबर को तड़के 3.44 बजे ग्वालियर रेलवे स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म पर पहुंची। इसके बाद गार्ड सगीर अहमद ने उसकी लगेज बोगी खुलवाई और पार्सल उतरवाने लगे। उन्हें बोगी खुले कुछ ही देर हुई थी कि ट्रेन चलने लगी। हैरानी की बात यह है कि सगीर ने गाड़ी चलने की सूचना ड्राइवर हाशिम खान को वॉकी-टॉकी पर दी, लेकिन उसके बावजूद ट्रेन नहीं रुकी। जब गार्ड सगीर अहमद ने देखा कि ट्रेन नहीं रुक रही, तो वे उसके पीछे भागे, लेकिन, दूर तक भागने के बाद भी ट्रेन नहीं पकड़ सके। ट्रेन ने 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से स्टेशन छोड़ दिया। उन्हें इस तरह स्टेशन पर दौड़ता देख अफरा-तफरी मच गई।
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ट्रेन सिथौली, संदलपुर, आंतरी, अनन्त पेठ से गुजरी तो यहां पड़ी रेलवे क्रॉसिंग पर केबिन मैन को गार्ड की हरी झंडी नहीं नजर आई। इस पर केबिन मैन ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद लोको पायलट को पता चला कि गार्ड ग्वालियर में ही छूट गया है। इससे रेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन ट्रेन को ग्वालियर से 42 किमी दूर डबरा स्टेशन पर रोका गया। वहीं पीछे आ रही दूसरी ट्रेन से गार्ड को ग्वालियर से डबरा के लिए रवाना किया गया। डबरा में गार्ड के पहुंचने पर उसे ट्रेन में सवार किया गया। इस दौरान 48 मिनट तक ट्रेन डबरा में खड़ी रही। वहीं झांसी ट्रेन दो घंटे की देरी के साथ सुबह 6.30 बजे झांसी पहुंची।
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बतातें चले कि ट्रेन को लेकर रेलवे ने बाकायदा नियम बनाए हैं। ट्रेन तब चलती है जब उसका गार्ड वॉकी-टॉकी से ड्राइवर को मैसेज देता है और सीटी बजाकर हरी झंडी या हरी बत्ती दिखाता है। लेकिन, इस हादसे में गार्ड ने किसी तरह का सिग्नल ही नहीं दिया। उसके बावजूद ड्राइवर ने ट्रेन चला दी।
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इस बारे में मंडलीय जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेन में माल की लोडिंग-अनलोडिंग की जा रही थी। इसी बीच ट्रेन आगे बढ़ गई और गार्ड ग्वालियर में ही छूट गया। हालांकि, इसकी जानकारी लगते ही डबरा स्टेशन पर गाड़ी को रोक लिया गया और दूसरी गाड़ी से गार्ड भेजा गया। रेल प्रशासन द्वारा इसकी जांच कराकर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।