बांदा में जली मॉडल गांव की 'मशाल' अब चली हर गांव मे

किसी कवि की यह पंक्तियां हीरालाल (आईएएस)  पर सटीक बैठती है। इन्होंने गांवों को आदर्श बनाने के लिए वर्ष 2018 से 2020 के बीच जनपद बांदा में..

Feb 2, 2021 - 10:35
Feb 4, 2021 - 06:15
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बांदा में जली मॉडल गांव की 'मशाल' अब चली हर गांव मे

‘ले मशाले चल पड़े हैं,लोग मेरे गांव के  

किसी कवि की यह पंक्तियां हीरालाल (आईएएस)  पर सटीक बैठती है। इन्होंने गांवों को आदर्श बनाने के लिए वर्ष 2018 से 2020 के बीच जनपद बांदा में जिला अधिकारी के पद पर रहते हुए मॉडल गांव के सपने को साकार करने के लिए  जो मशाल जलाई थी।

उस मशाल की रोशनी प्रदेश के अलावा देश के गांव गांव में फैल रही है। इस कारवां को आगे बढ़ाने के लिए गांव घोषणा पत्र को गांव गांव पहुंचा कर इसके माध्यम से ग्रामीणों को गांव के विकास के लिए जागरूक करना है।

कहते हैं भारत गांवों में बसता है, भारत को विकसित और खुशहाल बनाने के लिए गांव विकास ही एकमात्र रास्ता है। महात्मा गांधी ने भी गांव स्वराज का सपना देखा था।इस सपने को तभी साकार किया जा सकता है जब गांव के लोग जागरूक हो।

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अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के  

इसी परिकल्पना को साकार करने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी हीरालाल ने बांदा में ग्रामीण उद्यमियों को ज्ञान अर्जन के लिए  मॉडल गांव (रालेगण सिद्धि गांव अन्ना हजारे का मॉडल गांव) और हिवड़े बाजार गांव अध्ययन के लिए भेजा।

Model village | village pictures | gaanv

इससे ग्रामीणों के खेती किसानी के ज्ञान को बढ़ावा मिला और निराशा के भाव को आशा में बदला गया। इतना ही नहीं अरहर सम्मेलन से लोगों में कृषि व्यवसाय के प्रति जागरूकता बढ़ी।किसानों की आय उपज ज्ञान मनोभाव आदि में भी वृद्धि हुई।

किसानों में किया गया प्रयोग सफल रहने पर हीरालाल ने देश के हर गांव को मॉडल कर गांव बनाने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान छेड़ दिया। यूपी सरकार के विभिन्न विभागों में काम के अपने अनुभव के जरिए उन्होंने इस अभियान को गति प्रदान की।

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पहले उन्होंने इस मुहिम की शुरुआत अकेले ही की थी लेकिन अब इस अभियान को देश के गांव-गांव में पहचानने के लिए देश की राजधानी लखनऊ में गोमती नगर में हाईकोर्ट के गेट नंबर 7 के पास एक कार्यालय भी शुरू कर दिया।

उनका मानना है कि जागरूक और जानकार ग्राम वासियों की सहभागिता से किसान उत्पादन संगठन का निर्माण हरगांव के कृषि को कृषि व्यापार में बदलकर गांव को विकसित किया जा सकता है। गांव में विकास का मुद्दा स्थापित करने के लिए यह प्रयोग आवश्यक है ताकि लोग गांव विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करें और विकसित होने का प्रयास करें।

उनकी इस मुहिम में नाबार्ड के पूर्व महाप्रबंधक मुनीश गंगवार हिस्सा हैं। खेती-किसानी से वास्ता रखते पद्मश्री राम शरण वर्मा, पद्मश्री भारत भूषण त्यागी, पद्मश्री कंवलजीत सिंह राणा, पद्मश्री बाबूलाल दहिया चिंतित रहते हैं कि इस विचार को कैसे देश भर का हिस्सा बना दिया जाये।

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क्या है गांव घोषणा पत्र  

मॉडल गांव के सीईओ सौरभ लाल बताते है कि गांव गांव को विकसित कर मॉडल बनाने के लिए गांव घोषणा पत्र में 24 प्रमुख मुद्दे रखे गए हैं। इनमें सफाई ,पढ़ाई ,दवाई (योगा भी)  कमाई (आय बढ़ोतरी) बिजली, पानी (पेय, सिंचाई, संरक्षण)

रोजगार, संवाद  तंत्र विपणन, जैविक उत्पाद, आत्मनिर्भर गांव, विवाद रहित खुशहाली वाला गांव गांव , गांव का नियम लेखा ध्रखरखाव, गांव का बायोडाटा प्रोफाइल, किसान उत्पादन संगठन, प्रवासी ग्रामवासी संपर्क सहायता, कुपोषण, वृक्षारोपण (मेड़ पर पेड़) खेल, कला संस्कृति विकास, महिला विकास, प्रतिभा चयन और विकास, ग्राम समस्या और समाधान, भारत सरकार ,उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों को गांव में लागू करना।

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model village pics | Village family pics

गांव गांव तक घोषणा पत्र पहुंचाने का लक्ष्य  

सीईओ सौरभ लाल ने बताया कि इसके लिए जनपद स्तर पर एक व्यक्ति को जिम्मेदारी देना, सोशल मीडिया के सहारे व्यापक प्रचार प्रसार करना, ऑनलाइन डेटा संकलित करना और पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिए अपेक्षित कार्रवाई करना होगा।

इसके बाद प्रत्येक गांव में घोषणा पत्र भरवाना ,जिसमें 8 बिंदु दिए जाएंगे जैसे- व्यवसाय,  पढ़ाई वाहन ,संवाद ,सामाजिकता प्रशिक्षण, अभ्यास, ज्ञान वर्धन, धन व्यवस्था। प्रत्येक का अधिकतम 5 अंक, कुल 40 अंकों  में पूछे गए सवालों के जवाब आने पर उन व्यक्तियों का चयन करना है जिसने का 50 अंक हासिल किए हो।

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चयनित व्यक्तियों को प्रशिक्षित करना  

चयनित किए गए लोगों को तीन प्रकार से प्रशिक्षित करना होगा। प्रदेश में ऐसे जो भी पदम श्री या पुरस्कृत किसान हैं। उनकी सूची बनाकर उन लोगों पर दो पेज का एक लीफलेट तैयार कर पढ़ने के लिए देना। पढ़ने के बाद उनका मौखिक एवं लिखित परीक्षा लेकर उनके ग्राम ज्ञान का आकलन करना उसके बाद मौके पर भेज कर दिखाना बताना और मौके पर ही कार्य करने की समझ पैदा करना।

Model village | village pictures | gaanv

मौके पर जानकारी लेकर एक बार पुनः इनकी मौखिक एवं लिखित परीक्षा लेना।इसी तरह दूसरे राज्यों में भेजकर ज्ञान यात्रा अन के माध्यम से मॉडल गांव से परिचित कराना और सीखना तथा मॉडल गांव बनाने के लिए तैयार करना तथा इनके पासपोर्ट बनवाकर यात्रा कराने वाली कंपनियों के माध्यम से विदेश यात्रा भेज कर जानकारी दिलाना। इसमें जो खर्च आएगा वह स्वयं चेंजमेकर द्वारा वहन किया जाएगा।

इन्हें विदेश यात्रा में कृषि विकास गांव विकास में कृषि व्यवसाय व्यवसाय के कार्यों को दिखाकर चेंजमेकर तैयार करना होगा। साथ ही प्रत्येक गांव में एक एफपीओ का बनवाना और चलवाना। इस अभिनव प्रयोग से गांव और गांव के लोग धनी हो जाएंगे सभी का अपना रोजगार होगा ग्रामीणों को पलायन नहीं करना पड़ेगा मॉडल गांव बनने पर पूरे देश में गांव का नाम होगा सभी के जीवन में खुशहाली और हरियाली आएगी।

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इस पूरे मॉडल गांव प्रोजेक्ट को आईसीआईसीआई फाउंडेशन ने समर्थन किया है।

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