महेश्वरी देवी मंदिर में अभी भी काबिज है अतिक्रमणकारी, न्यायालय के आदेश पर भी प्रशासन नहीं हटा पाया अतिक्रमण
बाँदा शहर में हिंदुओं की धार्मिक आस्था का प्रतीक प्राचीन महेश्वरी देवी मंदिर के आसपास आधा दर्जन से ज्यादा लोगों में अतिक्रमण कर रखा है..
बाँदा शहर में हिंदुओं की धार्मिक आस्था का प्रतीक प्राचीन महेश्वरी देवी मंदिर के आसपास आधा दर्जन से ज्यादा लोगों में अतिक्रमण कर रखा है। कोर्ट ने इन अतिक्रमणकारियों को हटाने की आदेश दिए हैं। इसके बाद भी प्रशासन न्यायालय के आदेश पर अमल कराने में नाकाम रहा है। जिससे अतिक्रमणकारी अभी भी मंदिर परिसर में काबिज हैं।
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जिले के प्रसिद्ध आस्था के केंद्र महेश्वरी देवी मंदिर सैकडों वर्ष पुराना है। इस मंदिर के बाहर मुख्य दरवाजे के आसपास कई दुकानदारों ने अवैध कब्जा करके अपनी दुकानें बना रखी है। इन्हें हटाने के लिए बरसों से प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन इन्होंने अपना अतिक्रमण नहीं हटाया। जिससे मामला न्यायालय अपर जिला जज चतुर्थ की की कोर्ट में पहुंचा।
न्यायालय अपर जिला जज चतुर्थ विशेष न्यायाधीश बांदा द्वारा 25 फरवरी 2021 को रामनारायण आदि बनाम फूलचंद के मुकदमे पर फैसला देते हुए आदेश दिए थे कि महेश्वरी देवी मंदिर से जुड़े हुए हिस्सों पर अतिक्रमण किया गया है। यह महेश्वरी देवी मंदिर ट्रस्ट की संपत्ति है। ट्रस्ट को सार्वजनिक ट्रस्ट माना गया है ,इसमें किसी भी व्यक्ति का हित निहित नहीं है इसलिए अमीन, सीओ सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट जो ट्रस्ट के पदाधिकारी भी हैं को आदेशित किया जाता है कि वह मौके पर पहुंचकर मंदिर को सभी प्रकार के अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराएं, ताकि जनमानस को मंदिर के प्रवेश में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
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न्यायालय ने इस आदेश पर कार्रवाई करने के बाद 30 मार्च 2021 तक अमीन से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी ,लेकिन प्रशासन में गत 16 सितंबर की रात अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की और अगले दिन अतिक्रमण हटाने का मामला टाय टाय फिस्स हो गया। मंदिर परिसर में जो दुकाने बनी है, उन दुकानों पर अवैध कब्जाधारी काबिज है उनका कब्जा बरकरार है। इस मामले में मंदिर का ट्रस्ट भी असहाय नजर आ रहा है जबकि नियमानुसार न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए।
बताते चलें कि मंदिर के बाहर कुल 8 दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। इनमें पंकज गुप्ता और डॉ. भुवनेद्र चौरसिया का नाम भी शामिल है। जिन्होंने अवैध कब्जा करके अपनी दुकानें बना ली है।इतना ही नहीं मंदिर के बगल में एक शंकर जी का मंदिर है उस पर भी अतिक्रमण किया गया है। इन्हें हटाने के लिए 16 सितम्बर की रात प्रशासन द्वारा चेतावनी दी गई थी और इसके बाद अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हो गया।जिससे कुछ दुकानदार दुकानों में ताला जड़कर फरार हो गए। तब से अतिक्रमण हटाने का कार्य ठप है।
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