उत्तर प्रदेश में बिना हेलमेट मिल रहा पेट्रोल, मुख्य सचिव ने शासकीय कार्यालयों में प्रवेश पर लगायी रोक
उत्तर प्रदेश में बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं दिये जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश को पेट्रोल पम्प...
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं दिये जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश को पेट्रोल पम्प मालिक नहीं मान रहे हैं। मुख्यमंत्री के आदेश को ठेंगा दिखा रहे पेट्रोल पम्प मालिक अपने फायदे के लिए बिना हेलमेट पहने लोगों को भी धड़ल्ले से तेल बेच रहे है। जबकि प्रदेश के ज्यादातर पेट्रोल पम्पों पर 'नो हेलमेट नो पेट्रोल' स्लोगन को चस्पा कर रखा गया है। बावजूद इसके नियम को ताक पर रखकर कार्य हो रहा है। वहीं मंगलवार काे प्रदेश के मुख्य सचिव ने आदेश जारी करते हुए सभी सरकारी व अर्धसरकारी कार्यालयाें में बिना हेलमेट और सीट बेल्ट न लगाने वालाें काे प्रवेश पर राेक लगा दी है।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के पेट्रोल पम्पों जैसे वाराणसी में जिला जेल रोड पर सिंह पेट्रोल पम्प, लखीमपुर में संसारपुर क्षेत्र के धंजू फिलिंग स्टेशन, कानपुर में नेताजी नगर स्थित पेट्रोल पम्प, लखनऊ स्थित रविन्द्रपल्ली प्रवेश पेट्रोल पम्प, लखनऊ कानपुर रोड पर सरदारी खेड़ा में कोहली पेट्रोल पम्प इत्यादि पर दो पहिया वाहनों के मालिकों द्वारा बिना हेलमेट के पेट्रोल की खरीदारी की जाती रही है। इन पेट्रोल पम्पों पर कर्मचारी द्वारा दो पहिया वाहन स्वामी को टोका तो जाता है, फिर बिना रूके तुंरत ही पेट्रोल मुहैया करा दिया जाता है।
बता दें कि बीते आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने प्रदेश के समस्त पेट्रोल पम्प मालिकों या उनके प्रबंधकों के नाम से नो हेलेमेट नो पेट्रोल संदेश वाला एक पत्र भेजा था। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का जिक्र था। मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं को लेकर सख्त आदेश दिया था कि कोई पेट्रोल पम्प मालिक किसी भी स्थिति में बिना हेलमेट पहने व्यक्ति को पेट्रोल नहीं देगा। ऐसा करने पर पेट्रोल पम्प मालिकों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई होगी।
उप्र के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मंगलवार को आदेश पत्र जारी कर कहा कि सभी शासकीय एवं अर्धशासकीय कार्यालयों के प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मी हेलमेट एवं सीट बेल्ट के अनुपालन की जांच करें। बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के किसी भी सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के प्रवेश पर रोक लगाये। सभी कर्मचारी सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए जागरूक हो और हेलमेट व सीट बेल्ट को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनायें। नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही पर विचार किया जायेगा।
उन्होंने बैठक के बारे में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे को सड़क सुरक्षा समिति का अध्यक्ष बनाया गया है, उनके नेतृत्व में सड़क दुर्घटनाओं पर हुई बैठक में बचाव के प्रभावी उपाय अपनाने पर विशेष जोर दिया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार
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