एनएसएस शिविर में "पीपल मैन" डॉ. रघुराज प्रताप सिंह ने पर्यावरण संरक्षण का दिया मंत्र

शम्भु दयाल पी.जी. कॉलेज, गाज़ियाबाद में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के सात दिवसीय विशेष...

एनएसएस शिविर में "पीपल मैन" डॉ. रघुराज प्रताप सिंह ने पर्यावरण संरक्षण का दिया मंत्र

गाज़ियाबाद। शम्भु दयाल पी.जी. कॉलेज, गाज़ियाबाद में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के सात दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिन पर्यावरण एवं जल संरक्षण पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश के जाने-माने पर्यावरणविद एवं वृक्ष प्रेमी "पीपल मैन" डॉ. रघुराज प्रताप सिंह ने एनएसएस स्वयंसेवकों को प्रकृति के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभाने और जल संरक्षण के महत्व को समझने के लिए प्रेरित किया।

प्रकृति से जुड़ने का आह्वान

डॉ. सिंह ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, "पर्यावरण संरक्षण कोई विकल्प नहीं, बल्कि हमारी ज़िम्मेदारी है। जब तक हम प्रकृति से संतुलन बनाकर नहीं चलेंगे, तब तक हमें जलवायु परिवर्तन, जल संकट और प्रदूषण जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।" उन्होंने बताया कि कैसे उनकी पीपल मिशन यात्रा की शुरुआत हुई और कैसे वे हजारों पेड़ लगाकर देशभर में पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि "अगर हमें पृथ्वी को बचाना है, तो हमें आज ही हरित अभियान से जुड़ना होगा। पेड़ लगाना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।" उन्होंने जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन, पानी के विवेकपूर्ण उपयोग और पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने पर विशेष बल दिया और साथ ही अपने अभियान भोजन की बर्बादी को रोकने के लिए दिए गए स्लोगन "थाली में भोजन उतना ही ले जितना आप खा सकें, पैसे जरूर आपके हैं, संसाधन सभी के हैं" का जिक्र किया।

स्वयंसेवकों को दिलाई पर्यावरण रक्षा की शपथ

कार्यक्रम के दौरान, डॉ. सिंह ने सभी स्वयंसेवकों को "पर्यावरण रक्षा और जल संरक्षण की शपथ" दिलाई, जिसमें सभी ने यह संकल्प लिया कि वे –

  • हर साल कम से कम एक पेड़ लगाएंगे और उसका संरक्षण करेंगे।
  • जल का अपव्यय नहीं करेंगे और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे।
  • प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करेंगे और जैविक वस्तुओं को अपनाएंगे।
  • पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए स्वच्छता को बढ़ावा देंगे।

विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक क्षण

डॉ. सिंह की बातें सुनकर छात्र-छात्राएं बेहद प्रेरित हुए। उन्होंने उनसे पेड़ों के औषधीय और पर्यावरणीय लाभों के बारे में विस्तार से चर्चा की और बताया कि "एक वृक्ष केवल छाया ही नहीं देता, बल्कि हजारों जीवों के लिए जीवनदायी होता है।" उन्होंने अपने अभियान के दौरान विभिन्न राज्यों में किए गए कार्यों के अनुभव भी साझा किए, जिससे विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के व्यावहारिक पहलुओं को समझने का अवसर मिला।

कॉलेज प्रशासन का सहयोग और समर्थन

कॉलेज के प्राचार्य एवं एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारियों डॉ. रीना शर्मा, प्रो. प्रियंका गंगवार, डॉ. बिंदु करवाल आदि सदस्यों ने इस जागरूकता सत्र की सराहना की और कहा कि "इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं में प्रकृति के प्रति प्रेम और संरक्षण की भावना को मजबूत करते हैं।" उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे पर्यावरण संरक्षण के इस संदेश को अपने घर, समाज और मित्रों तक पहुँचाएँ और हरित क्रांति में योगदान दें ताकि कॉलेज एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के मिशन को पूरे देश में पहुँचाया जा सके और प्रकृति को संकट से बचाया जा सके।

कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने न केवल पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया, बल्कि इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की प्रतिज्ञा भी की। एनएसएस स्वयंसेवकों ने यह सुनिश्चित किया कि वे इस अभियान को आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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