एक देश, एक छात्र आईडी: 9-10 दिसंबर को मेगा अपार दिवस का आयोजन
शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार की ओर कदम बढ़ाते हुए सरकार ने 'एक देश, एक छात्र आईडी' कार्यक्रम के तहत ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (APAAR ID) की शुरुआत की है।
शिक्षा में क्रांतिकारी कदम: अब छात्रों को मिलेगी डिजिटल पहचान, दस्तावेजों की सुरक्षा
बांदा। शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार की ओर कदम बढ़ाते हुए सरकार ने 'एक देश, एक छात्र आईडी' कार्यक्रम के तहत ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (APAAR ID) की शुरुआत की है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के उद्देश्य से की गई है। जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में इस योजना को लागू करने के लिए 9 और 10 दिसंबर को 'मेगा अपार दिवस' का आयोजन किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी अव्यक्त राम तिवारी ने इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए कहा कि विद्यालय स्तर से लेकर जिला स्तर तक इस अभियान को तेजी से संचालित किया जाएगा। सभी विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वे इस कार्यक्रम को सफल बनाते हुए 12 दिसंबर तक अपार दिवस की रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
क्या है APAAR ID?
APAAR ID एक स्थायी डिजिटल पहचान है, जो छात्रों के शैक्षणिक दस्तावेजों को सुरक्षित रूप से डिजिटली स्टोर और प्रबंधित करेगी। यह 12 अंकों का एक यूनिक नंबर होगा, जिससे छात्रों को अपने सभी दस्तावेज जैसे मार्कशीट, सर्टिफिकेट, और डिग्री एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे।
APAAR ID के मुख्य लाभ:
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शैक्षणिक दस्तावेजों का डिजिटलीकरण:
दस्तावेज खोने की चिंता समाप्त होगी। छात्रों के सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड डिजिलॉकर के माध्यम से हमेशा उपलब्ध रहेंगे। -
फर्जी दस्तावेजों पर रोक:
फर्जीवाड़े की संभावना खत्म होगी। नियोक्ता एक क्लिक में दस्तावेजों की प्रामाणिकता जांच सकेंगे। -
सरल प्रक्रिया:
प्रवेश, स्कॉलरशिप, क्रेडिट ट्रांसफर और नौकरी आवेदन जैसे कार्यों में पारदर्शिता आएगी।
अपार आईडी कैसे बनाएं?
- ऑनलाइन पंजीकरण: छात्रों का पंजीकरण apaar.education.gov.in पर होगा।
- वेरिफिकेशन: स्कूल के माध्यम से जनसांख्यिकीय विवरण सत्यापित करें।
- सहमति: नाबालिग छात्रों के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य।
- डिजिलॉकर से लिंक: सफल वेरिफिकेशन के बाद आईडी डिजिलॉकर से जोड़ दी जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज:
- UDISE+ कोड
- छात्र का नाम, जन्म तिथि, आधार नंबर
- माता-पिता का नाम और मोबाइल नंबर
बेसिक शिक्षा विभाग का उद्देश्य है कि जिले के हर छात्र को उनकी डिजिटल पहचान मिले। इसके माध्यम से शिक्षा प्रणाली में सुधार और छात्रों के दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
9-10 दिसंबर को आयोजित इस अभियान में सभी विद्यालयों की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। यह पहल छात्रों के बेहतर भविष्य और शिक्षा में व्यापक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
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