नरैनी सुरक्षित विधानसभा सीट - कमल एवं हाथी में है सीधा मुकाबला

नरैनी सुरक्षित विधानसभा सीट पर भाजपा की प्रत्याशी ओम मणि वर्मा, जोकि नगर पंचायत अध्यक्ष भी हैं तथा बसपा के प्रत्याशी पूर्वमंत्री गया..

नरैनी सुरक्षित विधानसभा सीट - कमल एवं हाथी में है सीधा मुकाबला

अनिल शर्मा (Anil Sharma)

  • सपा प्रत्याशी किरन वर्मा चुनाव को त्रिकोणीय बना रही है

नरैनी सुरक्षित विधानसभा सीट पर भाजपा की प्रत्याशी ओम मणि वर्मा, जोकि नगर पंचायत अध्यक्ष भी हैं तथा बसपा के प्रत्याशी पूर्वमंत्री गया चरण दिनकर के बीच सीधा मुकाबला होता दिखाई दे रहा है। इस सीट पर सपा प्रत्याशी तथा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष किरण वर्मा चुनाव को त्रिकोणीय बनाने में जुटी हुई हैं।

जबकि कांग्रेस ने पवन देवी कोरी को प्रत्याशी बनाया है। यदि जातीय आंकड़ों की बात करें तो नरैनी सुरक्षित सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या 60 से 65 हजार है, जबकि ब्राह्मणों की संख्या लगभग 50 से 55 हजार है। इसी तरह वैश्य मतदाताओं की संख्या लगभग 25 हजार, ठाकुर मतदाताओं की संख्या 15 हजार, कायस्थ मतदाताओं की संख्या 5 हजार है। इसी तरह ओबीसी बिरादरी में पटेल बिरादरी के मतदाताओं की संख्या 25 हजार, यादव मतदाताओं की संख्या 25 हजार है।

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जबकि मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 10 हजार है। यहां पर भाजपा प्रत्याशी ओम मणि वर्मा नगर पंचायत अध्यक्ष को अपनी जाति के आधार वोट वर्मा के अलावा भाजपा के वोट बैंक माने जाने वाले ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य व कायस्थ के अलावा पटेल बिरादरी के भी वोट मिलने की पूरी संभावना है। बसपा के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री गया चरण दिनकर को उनकी जाति और बसपा का आधार वोट दलित वोट मिलेगा ही।

इसके अलावा अन्य पिछड़ी जातियों का वोट भी उन्हें मिल सकता है, लेकिन उनका माइनस पॉइंट ये है कि उनकी छवि सवर्ण विरोधी है, जिसका उन्हें नुकसान होगा। सपा प्रत्याशी किरण वर्मा जो पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भी रही हैं, उन्हें अपनी जाति वोट के साथ-साथ सपा का आधार वोट यादव और मुस्लिम वोट मिलता नजर आ रहा है, जिसके चलते वे लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में जुटी हुई हैं। यह भी हो सकता है कि अंततः मुकाबला भाजपा प्रत्याशी ओम मणि वर्मा और सपा प्रत्याशी किरण वर्मा के बीच में हो जाए। लेकिन फिलहाल यह मुकाबला बेहद रोमांचक स्थिति में पहुंच गया है। 23 फरवरी को होने वाले मतदान के बाद स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी।

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