मेजर ध्यानचंद ने अपने पराक्रम से हाकी को एक अलग पहचान दिलाई : कुलपति

पहले खेलो को लेकर यह कहा जाता था कि खेलोगे कुदोगे तो होंगे खराब और पढोगे लिखोगे तो होंगे नवाब, परन्तु आज यह कथन सत्य नही है..

मेजर ध्यानचंद ने अपने पराक्रम से हाकी को एक अलग पहचान दिलाई : कुलपति

बांदा, 

पहले खेलो को लेकर यह कहा जाता था कि खेलोगे कुदोगे तो होंगे खराब और पढोगे लिखोगे तो होंगे नवाब, परन्तु आज यह कथन सत्य नही है। मेजर ध्यानचंद जी ने अपनी कला और पराक्रम से हाकी को भारत को एक अलग पहचान दिलायी है। बल्कि इनके योगदान ने हाकी को राष्ट्रीय खेल का दर्जा दिलाने मे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह बात कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय बाँदा, में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर मुख्य  अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेन्द प्रताप सिंह ने कही। उन्होने छात्रो को संबोधित करते कि खेल हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। खेलो से शारिरिक विकास के साथ साथ बौधिक विकास होता है।

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एक समय खेलो को सिर्फ मनोरंजन के लिये ही ख्ेाला जाता था परन्तु आज खेल हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा ही नही बल्कि हमारी पहचान बनती जा रही है।  इस कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्वलन व मेजर ध्यानचंद जी के तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ किया गया।  इस अवसर पर डा. वी के सिंह अधिष्ठाता, छात्र कल्याण ने कहा कि खेल छात्रों की भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित करता है स्वस्थ, तनावमुक्त और अनुशासित जीवन जीने के लिए छात्र अपने दिनचर्या में नियमित खेलकूद का अभ्यास करे।

डॉ. अभिषेक कुमार यादव द्वारा मेजर ध्यानचंद जी के खेल उपलब्धि के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की गईा। छात्रों को इस अवसर पर मेजर ध्यानचंद जी के खेल उपलब्धि के बारे में डॉक्यूमेंट्री  के माध्यम से राष्ट्रीय खेल दिवस के लिए जागरूक व् प्रोत्साहित किया गया। विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा योग के विभिन्न आसनो का भी शानदार प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रो., एस वी द्धिवेदी, अधिष्ठाता उद्यान महाविद्यालय, डा. वी के सिंह अधिष्ठाता, छात्र कल्याण, डॉ. नरेंद्र सिंह, सह निदेशक प्रसार, डॉ. भानु प्रकाश मिश्रा, निदेशक ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट डॉ. अखिलेश कुमार सिंह, डा. बी के गुप्ता मीडिया प्रभारीे, डा. विशाल चुग, डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. विज्ञा, डॉ. नीतू  डा. अभिषेक कालिया डॉ. सुनील कुमार डॉ. दीप्ति भार्गव आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. अभिषेक कुमार यादव द्वारा किया गया। कार्यक्रम में आभार डॉ. आशुतोष राय द्वारा और मंच का संचालन डॉ. पूनम पांडेय द्वारा द्वारा किया गया।

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