15 साल से अटकी केन-बेतवा लिंक परियोजना, अगले माह शिलान्यास की उम्मीद

छतरपुर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट का काम शुरू होने में अब देर नहीं है। दरअसल इस बात के संकेत..

15 साल से अटकी केन-बेतवा लिंक परियोजना, अगले माह शिलान्यास की उम्मीद
केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Project)

छतरपुर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट का काम शुरू होने में अब देर नहीं है। दरअसल इस बात के संकेत बीते रोज महोबा में प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य से दिए हैं कि दोनों राज्यों के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए अगले माह भूमिपूजन हो सकता है। वही इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर कर दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महोबा में अर्जुन सहायक योजना के लोकार्पण के दौरान मध्य प्रदेश के लिए यह राहत वाली खबर मिली है। दरअसल मोदी ने महोबा में कहा कि सभी पक्षों से संवाद करके केन-बेतवा लिंक परियोजना का समाधान भी हमारी ही सरकार ने निकाला है। हम बुंदेलखंड से पलायन को रोकने के लिए इस क्षेत्र को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस बात से ये संकेत मिल गए हैं कि पिछले 15 साल से अटकी केन-बेतवा लिंक परियोजना का काम जल्दी शुरू होने वाला है।

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सरकारी सूत्रों की मानें तो यूपी में चुनाव से पहले नदी जोड़ो अभियान के तहत देश की बड़ी और पहली नदी जोड़ो योजना के तहत केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी जाएगी। इसका भूमिपूजन अगले माह झांसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराने की तैयारी शुरू की दी गई है। इससे पहले शिवराज कैबिनेट में दोनों राज्यों और केंद्र के बीच हुए समझौते के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी।

केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Project)

इस परियोजना से बुंदेलखंड के एमपी और यूपी के 12 जिलों को पानी मिलेगा। एमपी के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी जिलों को पानी मिलेगा, वहीं यूपी के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों को राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है इस परियोजना में पानी के बंटवारे को लेकर वर्ष 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की मौजूदगी में एमपी व यूपी दोनों प्रदेशों के बीच अनुबंध हुआ था। तब मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और उप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे, तब परियोजना का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार नहीं हुआ था, अब डीपीआर भी तैयार है।

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  • विश्व जल दिवस पर सुलझ गया विवाद

इस परियोजना को लेकर एमपी और यूपी के बीच चल बना था। यह विवाद इसी साल 8 मार्च को विश्व जल दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में सुलझाकर केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए (एमओए) मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस एमओए पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्य ने हस्ताक्षर किए हैं।

केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Project)

इसके अनुसार 35,111 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी, जबकि शेष 5-5 प्रतिशत हिस्सेदारी मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश सरकारें वहन करेंगी। इससे नॉन मानसून सीजन (नंवबर से अप्रैल के बीच) में मध्य प्रदेश को 1834 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) व यूपी को 750 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। 

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जलसंसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के एमपी के हिस्से में 7 बांध बनाए जाएंगे। पहले फेज में छतरपुर जिले की केन नदी पर ढोड़न गांव के पास बांध बनाकर पानी रोका जाएगा। यह पानी नहर के जरिये बेतवा नदी तक पहुंचाया जाएगा। वहीं दूसरे फेज में बेतवा नदी पर विदिशा जिले में 4 बांध, बेतवा की सहायक बीना नदी जिला सागर और उर नदी जिला शिवपुरी पर भी बांधों का निर्माण किया जाएगा।

इस तरह से प्रोजेक्ट के दोनों फेज से सालाना करीब 10.62 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई का लक्ष्‌य निर्धारित किया गया है। साथ ही 62 लाख लोगों को पीने के पानी के साथ 103 मेगावाट हाइड्रो पावर का उत्पादन भी होगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना में 72 मेगावाट के दो बिजली प्रोजेक्ट भी बनाए जाएंगे।

केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Project)

उधर डेढ़ दशकों की तैयारियों के बाद अगले माह दिसंबर में प्रधानमंत्री के हाथों शिलान्यास की चल रहीं तैयारियों के बीच केन-बेतवा लिंक परियोजना पर फिर खतरा मंडराता दिख रहा है। इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर कर दी गई है। रिट में परियोजना की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) सहित कई खामियां बताते हुए इसे चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट केन नदी से संबंधित अन्य लंबित याचिकाओं के साथ इस पर भी सुनवाई करेगा।

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