अब न सूखेंगी नदियाँ, न प्यासी रहेगी जिंदगी, जानें क्या है केन बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट

दरअसल सूखे की मार झेलने वाला बुंदेलखंड पानी की समस्या कई वर्षों से झेल रहा है, ये इलाका बेहद सूखाग्रस्त है, लेकिन इस प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड को.....

अब न सूखेंगी नदियाँ, न प्यासी रहेगी जिंदगी, जानें क्या है केन बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में शिवराज-योगी सरकार के बीच पानी के बंटवारे काे लेकर समझौते पर हुए हस्ताक्षर

आखिर केन बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट है क्या ? 

आपने अभी हाल ही में सुना होगा कि केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट पर मोहर लग गयी है, केन  बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट नदियों को इंटरलिंक करने का प्रोजेक्ट है। दरअसल सूखे की मार झेलने वाला बुंदेलखंड पानी की समस्या कई वर्षों से झेल रहा है, ये इलाका बेहद सूखाग्रस्त है, लेकिन इस प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड को काफी रहत मिलेगी ये सूखाग्रस्त इलाका अब हरियाली से भर सकेगा। इस प्रोजेक्ट से 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी, जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा।

किसान दो से तीन फसलें ले पाएंगे। इस प्रोजेक्ट से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। पेयजल संकट से भी क्षेत्र को निजात मिलेगी। बता दें कि, इस प्रोजेक्ट के तहत मध्य प्रदेश की केन नदी और उत्तर प्रदेश की बेतवा नदी को लिंक किया जाएगा। केन्द्र सरकार ने पूरे देश में सिंचाई की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ऐसे कुल 30 प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों का मन्ना है कि केन बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट पर करीब 45 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

यह भी पढ़ें -  झांसी मानिकपुर और भीमसेन खैरार के बीच दोहरी लाइन बनाने का कार्य ने पकड़ी रफ़्तार, देखें यहाँ

इन नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना पर हस्ताक्षर किए जा चुके है और सालों से चर्चा में बनी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के केन-बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत अब शुरूहो जाएगी। यह समझौता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच संपन्न हो गया है। इस कार्यक्रम को विर्तुअली संपन्न किया गया था। वहीं  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने MCM (750 मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी मध्य प्रदेश को देने की सहमति जताई।

ken betwa river linking news, ken betwa river latest update

क्या इस प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड का फायदा होगा 

केन बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट की मदद से सरकार सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की समस्या दूर करने की योजना बनाई। बुंदेलखंड क्षेत्र यूपी और एमपी में फैला हुआ है। इसके तहत मुख्य तौर पर यूपी के झांसी, बांदा, ललितपुर और महोबा जिले आते हैं। वहीं एमपी के टीकमगढ़, पन्ना और छतरपुर जिले बुंदेलखंड क्षेत्र में सम्मलित हैं। केन बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट की मदद से बुंदेलखंड में सिंचाई, पीने के पानी की कमी दूर हो सकेगी।

यह भी पढ़ें - डीआरएम झांसी ने बताया, बुन्देलखण्ड के रेलवे स्टेशनों में क्या चल रहा है

इस प्रोजेक्ट का जो ड्राफ्ट तैयार किया गया था, उसके मुताबिक एमपी को 2650 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलना है। वहीं यूपी को 1700 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलना है। दरअसल बता दें की यूपी सरकार की तरफ से पहले 935 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की और मांग की गई थी। जिससे एमपी ने इंकार कर दिया था, इसी कारण यह प्रोजेक्ट अटक रहा था।

इसके अलावा इस प्रोजेक्ट को लेकर पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर भी चिंता जाहिर की जा रही है। कई सेहरों से होकर गुजरने वाली केन नदी पन्ना टाइगर रिजर्व से होकर गुजरती है। केन-बेतवा इंटरलिंकिंग प्रोजेक्ट के चलते पन्ना टाइगर रिजर्व का कुछ हिस्सा पानी में डूब जाएगा, जिससे यहां रहने वाले टाइगर्स को नुकसान होगा।

  • 35,111 करोड़ रुपए का केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट: जिसकी 90% राशि केंद्र सरकार देगी, 5-5% हिस्सेदारी मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश वहन करेंगे

ken betwa river linking news, ken betwa river latest update

दोनों राज्यों व केंद्र के बीच यह समझौता कैसे हुआ?

केन बेतवा लिंक परियोजना दो राज्यों मप्र और उप्र का संयुक्त प्रोजेक्ट है। संयुक्त परियोजना होने के कारण दोनों राज्यों के बीच पानी के बंटवारे का भी प्लान तैयार किया गया है। इसमें हर साल नवंबर से अप्रेल माह के बीच (नाॅन मानसून सीजन) में उप्र को 750 एमसीएम, वहीं मप्र को 1834 एमसीएम पानी मिलेगा। इन सभी बिंदुओं पर दोनों राज्य सरकारों का केंद्र सरकार के साथ समझौता किया गया। इसी समझौते को एमओए (मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट) कहा गया था।

यह भी पढ़ें - बुंदेलखंड में जल्द मेमू ट्रेनें दौड़ाने की तैयारी, लीजिये पूरी जानकारी

बेतवा की सहायक नदियों पर बनेंगे बांध

इस प्रोजेक्ट के पहले फेज में केन नदी पर ढोड़न गांव के पास बांध बनाकर पानी रोका जाएगा। यह पानी नहर के जरिया बेतवा नदी तक पहुंचाया जाएगा। वहीं दूसरे फेज में बेतवा नदी पर विदिशा जिले में चार बांध बनाए जाएंगे। इसके साथ ही बेतवा की सहायक बीना नदी जिला सागर और उर नदी जिला शिवपुरी पर भी बांधों का निर्माण किया जाएगा। प्रोजेक्ट के दोनों फेज से सालाना करीब 10.62 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही 62 लाख लोगों को पीने के पानी के साथ 103 मेगावाट हाइड्रो पावर भी पैदा किया जाएगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना में दो बिजली प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 72 मेगावाट है।

दोनों राज्यों व केंद्र के बीच यह समझौता कैसे हुआ?

केन बेतवा लिंक परियोजना दो राज्यों मप्र और उप्र का संयुक्त प्रोजेक्ट है। संयुक्त परियोजना होने के कारण दोनों राज्यों के बीच पानी के बंटवारे का भी प्लान तैयार किया गया है। इसमें हर साल नवंबर से अप्रेल माह के बीच (नाॅन मानसून सीजन) में उप्र को 750 एमसीएम, वहीं मप्र को 1834 एमसीएम पानी मिलेगा। इन सभी बिंदुओं पर दोनों राज्य सरकारों का केंद्र सरकार के साथ समझौता किया गया। इसी समझौते को एमओए (मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट) कहा गया था।

यह भी पढ़ें - बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य से संबंधित गतिविधियों की एक झलक

बेतवा की सहायक नदियों पर बनेंगे बांध

इस प्रोजेक्ट के पहले फेज में केन नदी पर ढोड़न गांव के पास बांध बनाकर पानी रोका जाएगा, फिर यह पानी नहर के जरिए बेतवा नदी तक पहुंचाया जाएगा। तो वहीं दूसरे फेज में बेतवा नदी पर विदिशा जिले में चार बांध बनाए जाएंगे। इसके साथ ही बेतवा की सहायक बीना नदी जिला सागर और उर नदी जिला शिवपुरी पर भी बांधों का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के दोनों फेज से सालाना करीब 10.62 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही 62 लाख लोगों को पीने के पानी के साथ 103 मेगावाट हाइड्रो पावर भी पैदा किया जाएगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना में दो बिजली प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 72 मेगावाट है।

ken betwa river linking news, ken betwa river latest update

केन-बेतवा इंटर लिंक परियोजना के तहत हमीरपुर स्थित मौदहा बांध को लिंक नहर से जोड़कर भरा जाएगा। इससे उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश दोनों राज्यों को लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं हमीरपुर के 21 लाख लोगों को 67 मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल मिलेगा। इसके साथ ही बांदा, झांसी, महोबा, ललितपुर एवं हमीरपुर में 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था बेहतर होगी।

यह भी पढ़ें - बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को 2022 तक तैयार करने की कवायद तेज

क्या इस प्रोजेक्ट से उप्र व मप्र  के 12 जिलों को मिलेगा फायदा

इस परियोजना से बुंदेलखंड के उप्र और मप्र के 12 जिलों को पानी मिलेगा। मप्र के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी को पानी मिलेगा। वहीं उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों को राहत मिलेगी।

ken betwa river linking news, ken betwa river latest update

अभी तक क्यों अटकी रही ये परियोजना 

इस लिंक परियोजना में पानी के बंटवारे को लेकर वर्ष 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की मौजूदगी में दोनों प्रदेश के बीच अनुबंध हुआ था। उस दौरान  मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद भी परियोजना का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार नहीं हुआ था। अब डीपीआर तैयार कर लिया गया है। इसी कारण पानी की भराव क्षमता में कुछ बदलाव हुआ और तीनों सरकारों के बीच संशोधित एमओए पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

बता दें कि 80 के दशक में इस परियोजना पर विचार किया गया था। परन्तु ये योजना का ग्राफ तैयार नहीं किया जा सका। फिर 1999 से 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी राजग सरकार में इस पर काम शुरू किया गया पर निष्कर्ष तक नहीं पंहुचा और फिर 2005 में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार ने इस पर हस्ताक्षर किए। पर केन-बेतवा नदी परियोजना को पर्यावरणीय अनुमति 2007 में मिली।

यह भी पढ़ें -  डिफेंस कॉरिडोर- 4 जिलों में 1346 हेक्टेयर भूमि पर काम शुरू 

आईये समझे केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट का मैप 

केन-बेतवा लिंक परियोजना उत्तर प्रदेश को 2.51 लाख हेक्टेयर, 1,700 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी की वार्षिक सिंचाई और लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति प्रदान करेगी और साथ ही 103 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन भी होगा।

ken betwa river linking news, ken betwa river latest update

ऐसे मिलेगी यूपी को सिंचाई व्यवस्था 

बता दें, हमीरपुर में मौदहा बांध भरने से 26,900 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और तहसील राठ में पेयजल उपलब्ध होगा। वहीं महोबा में लगभग 37,564 हेक्टेयर, ललितपुर में लगभग 3,533 हेक्टेयर, झांसी में लगभग 17,488 हेक्टेयर, हमीरपुर में 26,900 हेक्टेयर और बांदा में लगभग 1,92,479 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी।

ken betwa river linking news, ken betwa river latest update

झांसी में 14.66 मिलियन क्यूबिक मीटर, ललितपुर में 31.98 मिलियन क्यूबिक मीटर, हमीरपुर में 2.79 क्यूबिक मीटर और महोबा में20.13 मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल दिया जा सकेगा। बरियारपुर पिकप बीयर के डाउनस्ट्रीम में दो नए बैराजों का निर्माण कर लगभग 188 मिलियन क्यूबिक मीटर जल भंडारण किया जा सकेगा।

ऐसे आएगी मध्य प्रदेश में हरियाली

टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले की लगभग 30 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। वहीं पलेरा, जतारा और निवाड़ी तहसील क्षेत्र के गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए सीधा पानी मिलेगा। चनें और गेहूं की फसलों के लिए इससे अच्छा योगदान होगा। छतरपुर के बिजावर विकासखंड के ढोढऩ में 72 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाएगा। जिसकी जल भंडारण क्षमता 2584 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी। यहां पर 341.55 करोड़ की लागत से जलविद्युत संयंत्र भी तैयार किये जायेंगे। इनसे 36 मेगावाट बिजली बनेगी।

यह भी पढ़ें -  बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में होगा विकसित

दतिया जिले के भांडेर, इंदरगढ़ और उप्र की सीमा से सटे उनाव, उदगवां, जिगना के किसानों को सिंचाई के लिए सीधा पानी मिलेगा। जिले की 3 हजार हेक्टेयर भूमि इससे सिंचित हो सकेगी। जिससे 92 हजार मीट्रिक टन रबी और खरीफ की फसल का उत्पादन बढ़ना संभावित है।

What's Your Reaction?

like
1
dislike
0
love
2
funny
0
angry
0
sad
1
wow
1