नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं डायनेमिक डीएम, अब टॉप 10 पर पहुंचे

सरल, ऊर्जावान, नवाचारी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉ.हीरालाल ने उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में जिला अधिकारी के पद पर कार्य करते हुए...

नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं डायनेमिक डीएम, अब टॉप 10 पर पहुंचे

बांदा,

सरल, ऊर्जावान, नवाचारी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉ.हीरालाल ने उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में जिला अधिकारी के पद पर कार्य करते हुए अपनी नेतृत्व क्षमता, सरलता और कार्य कुशलता से न सिर्फ जनता को अपने साथ जोड़ा बल्कि इन्होंने अल्प समय में ही लीक से हटकर ऐसा काम कर दिखाया। जिसकी आज तक जिले में चर्चा होती है। जिले में जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए काम के बूते ही जिले और जिले के डीएम का नाम वर्ष 2019 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। उनके इन्हीं सब साहसिक प्रयासों को देखकर बुंदेलखंड न्यूज ने इन्हें डायनेमिक डीएम का नाम दिया था। जिस पर कुमुद वर्मा ने किताब लिख डाली। आज यह किताब शिखर तक पहुंच रही है। प्रतिष्ठित समाचार पत्र  दैनिक जागरण ने इनकी किताब को देश के बड़े लेखकों के  टॉप 10 में स्थान दिया है।

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माना जाता है कि जिला अधिकारी का पद अपने आप में अत्यंत शक्तिशाली और चुनौतीपूर्ण होता है। प्रत्येक आईएएस अधिकारी की अभिलाषा होती है कि उसे जिला अधिकारी का पद मिले और वह इस पद पर रह कर अपनी योग्यता के अनुरूप अधिक से अधिक कार्य करें जिससे उसकी पहचान बन सके। जनपद में कई जिलाधिकारी आए लेकिन डॉ हीरालाल और जनता के बीच जो समन्वय देखा गया वह किसी भी अन्य जिलाधिकारी के साथ में नहीं देखा गया। उनकी कार्य शैली को देखकर ही ‘बुंदेलखंड न्यूज़’ ने अपनी खबरों में उन्हें ‘डायनामिक डीएम’ के नाम से सम्बोधित किया जो आगे चलकर उनकी पहचान बन गयी।

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जनपद बाँदा में सबसे जटिल समस्या पानी की रहती है। जिला अधिकारी के रूप में हीरालाल ने जल संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए जन सहयोग लेकर कुआं-तालाब जियाओ अभियान चलाकर जल स्तर को बढ़ाने में अहम भूमिका अदा की। इसके अलावा मतदाता जागरूकता के तहत ‘90 प्लस हो मतदान-बाँदा बने देश की शान’ अभियान के जरिए लोकसभा चुनाव में लगभग 12 फ़ीसद मतदान का प्रतिशत बढ़ाने में कामयाबी हासिल कर प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रशांसा प्राप्त की। इतना ही नहीं विकास कार्यों को गति देते हुए जन कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचाने में पीछे नहीं रहे।
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डॉ हीरालाल ने बाँदा में किए गए कार्यों को संकलित करके अपने प्रशासनिक अनुभवों को ‘डायनामिक डीएम’ नामक लिखी गई पुस्तक में साझा किया। यह पुस्तक प्रशासनिक अधिकारियों तथा भविष्य में प्रशासनिक सेवा में आने वाले युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी। साथ ही यह पुस्तक जनपद में आने वाले जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए भी प्रेरणादायक हो सकती है। जनपद में अनेक जिला स्तरीय अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है लेकिन जिस तरह कार्य का जिला अधिकारी के रूप में डॉ हीरालाल ने किया वह आज भी यहां जनता के यादों में ताजा है।

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अभी हाल में ही हिंदी दिवस के मौके पर दैनिक जागरण ने देश के 10 नामचीन लेखकों की किताबों में  डायनेमिक डीएम को शामिल किया है। इनके अलावा फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा, सुपर कॉप अजीत डोभाल, जादू नामा जावेद अख्तर एक सफर, उसने गांधी को क्यों मारा, मार्क्सवाद  के मूलभूत सिद्धांत जैसी किताबों को भी शामिल किया है। इस बहुचर्चित किताब के जरिए जहां डॉक्टर हीरालाल की पहचान बड़ी है वही इसी जिले से जल संरक्षण के कार्य की शुरुआत होने बांदा की भी पहचान कर बढ़ रही है।

 आईएएस अधिकारी हीरा लाल  बताते हैं कि 31 अगस्‍त 2018 से फरवरी 2020 तक उत्‍तर प्रदेश के बांदा में डीएम रहे। बतौर बांदा जिला कलेक्‍टर यह पहली पोस्टिंग थी। यहां काम करने का भरपूर अवसर था, जिसका खूब फायदा उठाया और लीक से हटकर काम करके दिखाया भी। बांदा जिले में जल संरक्षण के क्षेत्र में किए काम के बूते साल 2019 में लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में नाम दर्ज हुआ। हीरा लाल आईएएस ने बताया कि बांदा डीएम की कुर्सी पर डेढ़ साल तक रहा। इस दौरान जल संरक्षण के लिए रोजाना तीन से चार विशेष बैठकें करना। लोकसभा चुनाव 2019 में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए घर-घर जाना। बांदा से बाहर रहने वाले मतदाताओं के नंबर लेकर उन्‍हें वोट डालने के लिए आमंत्रित करना। फोन कॉल्‍स के अलावा 20 हजार मतदाताओं को पत्र भी लिखे। इन्‍हीं सब प्रयासों के चलते लोग डायनामिक डीएम कहने लगे थे। फिर इसी नाम से पुस्‍तक लिखी गई।

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