बुंदेलखंड में किसानों के अथक प्रयास से पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी आई
सिमौनी धाम मेले में कृषि विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय एग्रो क्लाइमेटिक जोन मेले में बोलते हुए उप कृषि निदेशक बांदा..
सिमौनी धाम मेले में कृषि विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय एग्रो क्लाइमेटिक जोन मेले में बोलते हुए उप कृषि निदेशक बांदा, विजय कुमार ने बुंदेलखंड के किसानों को बधाई देते हुए बताया कि इस वर्ष बुंदेलखंड क्षेत्र के अधिकांश जनपदों में किसानों के अथक प्रयासों से पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी आई है।
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बुंदेलखंड क्षेत्र के सातों जनपदों में समेकित रूप से इस वर्ष 63 प्रतिशत कम पराली जलाई गई है। हमीरपुर जालौन और महोबा में इस वर्ष पराली जलाने की एक भी घटना सामने नहीं आई जबकि बांदा में पिछले वर्ष 50 घटनाओं के मुकाबले इस वर्ष केवल 14 घटनाएं हुई है।
उन्होंने इस सफलता का श्रेय किसानों को देते हुए उनका आह्वान किया कि पर्यावरण संरक्षण और कृषि उत्पादन को बनाए रखने के लिए यह नितांत आवश्यक है कि प्रधानमंत्री के आह्वान का अनुसरण करते हुए प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों की ओर लौटा जाए ।
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बांदा कृषि विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक डॉ. श्रीमती सौरभ ने मानव पोषण पर व्याख्यान देते हुए संतुलित भोजन में सब्जियों, फलों और पौष्टिक आहार की उपयोगिता पर जानकारी देते हुए महिला किसानों से आग्रह किया कि बच्चों के भोजन में फास्ट फूड की जगह संतुलित आहार को शामिल करें।
कृषि वैज्ञानिक डा जुगुल किशोर तिवारी ने बुंदेलखंड क्षेत्र में पाई जाने वाली चार प्रकार की मिट्टी राकर, कांवर, मार और पडुवा के बारे में बताते हुए मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के उपायों की जानकारी किसानों को दी। इस जोन स्तरीय किसान मेले में झांसी एवं चित्रकूट मंडल के सभी जनपदों से किसानों ने भाग लिया। अंतिम दिन झांसी से 51 ललितपुर से 50 जालौन से 50 हमीरपुर से 100 महोबा से 100 एवं चित्रकूट से 90 किसानों तथा बांदा से प्रतिदिन 1200 से 1400 किसानों की सहभागिता विराट किसान मेले में रही।
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