बुन्देलखण्ड के कृषि विज्ञान केन्द्रों में बीजोत्पादन का कार्य को बढ़ावा दिया जाये - कुलपति
बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा द्वारा संचालित बुन्देलखण्ड के सभी सात जिलों में स्थापित कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा..
बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा द्वारा संचालित बुन्देलखण्ड के सभी सात जिलों में स्थापित कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा बीजोत्पादन का कार्य प्रमुखता से किया जाना लाभकारी होगा। बुन्देलखण्ड में बीज बदलाव कार्यक्रम के तहत उन्नतिशील प्रजातियों के बीज का उत्पादन एवं वितरण कराना विश्वविद्यालय की प्रमुख गतिविधियों में से एक है। बीज बदलाव कर कृषक विभिन्न फसलों के अधिक उत्पादन प्राप्त सकते हैं।
यह भी पढ़ें - दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिये सभी वैज्ञानिकों का प्रयास होना चाहिये
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेन्द्र प्रताप सिंह ने बाँदा जिलें के कमासिन ब्लाक में संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, बाँदा तथा कृषि विज्ञान केन्द्र, हमीरपुर के प्रक्षेत्र भ्रमण एवं निरीक्षण के दौरान यह बातें कही। उन्होने कहा कि खेती में अन्य संसाधनों के अलावा बीज का महत्वपूर्ण स्थान है। इसके दृष्टिगत विश्वविद्यालय द्वारा सभी 6 कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं क्षेत्रीय शोध संस्थानों के माध्यम से दलहनी तिलहनी व मोटे अनाजों के बीज उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है।
कुलपति, प्रो. सिंह ने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि प्रक्षेत्र पर बीजोत्पादन के लिये आवश्यक संशाधनों को समय से व्यवस्थित कर लिया जाये जिससे बीजोत्पादन का कार्य बाधित न हो। प्रक्षेत्र पर ट्यूबेल, बिजली, सड़क, सीमांकन, चेन फेन्सिंग एवं आवश्यक धनराशि को समय से कार्य पूर्ण कर लिया जायें। कुलपति द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र कुरारा, हमीरपुर का भी भ्रमण एवं निरीक्षण किया गया तथा समीक्षा के दौरान केन्द्राध्यक्ष एवं वैज्ञानिकों को निर्देश दिया कि कृषि प्रेक्षेत्र पर दलहनी फसलों के प्रजनक बीज उत्पादन पर जोर दिया जाये। प्रजनक बीज की मांग अधिक होने से कृषकों को उच्च गुणवत्तायुक्त बीज प्राप्त होंगे, साथ ही बीज विक्रय से केन्द्र का रिवाल्विंग फंड भी बढ़ेगा, जिसका उपयोग तकनीकी प्रसार के लिए अन्य गतिविधियों में किया जा सकेगा।
यह भी पढ़ें - बुन्देलखण्ड में कृषकों को आधुनिक बनाने में कृषि विज्ञान केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका : कुलपति
प्रो. सिंह ने केन्द्र की तकनीकी प्रसार गतिविधियों को डिजिटल रूप देकर बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय बांदा में लिंक के माध्यम से संलग्न करने को भी निर्देशित किया। बुंदेलखंड के कृषकों को दलहनी फसलों में उकठा से निजात को फसल चक्र अपनाने तथा प्रेक्षेत्र में सबस्वॉयलर से जुताई करने की सलाह दी जिससे अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके।
भ्रमण एवं बैठक के दौरान विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार प्रो. एन.के. बाजपेयी ने प्रक्षेत्र का सीमांकन, निर्माणाधीन भवनों एवं प्रक्षेत्र से सम्बन्धित विभिन्न जानकारियां साझा की। कृषि विज्ञान केन्द्र, बाँदा के अध्यक्ष डा. श्याम सिंह ने प्रक्षेत्र पर उत्पादित किये जा रहे फसलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कृषि विज्ञान केन्द्र हमीरपुर के अध्यक्ष डा. मो. मुस्तफा एवं केन्द्र के वैज्ञानिकों ने विभिन्न इकाईयों एवं संचालित गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। भ्रमण के दौरान प्रक्षेत्र प्रभारी डा. मंजुल पाण्डेय, डा. मानवेन्द्र सिंह, डा. प्रज्ञा ओझा एवं घनश्याम यादव उपस्थित रहें।
यह भी पढ़ें - दलहन तिलहन के साथ-साथ मोटे अनाज पर भी ध्यान दें किसान : कुलपति