आईआईटी कानपुर में लगा ड्रोन मेला, कृषि क्षेत्र में होगी तरक्की
ड्रोन यानी मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) की तकनीक बहुत तेजी से विकसित हो रही है। अब हमारी फसलों पर कीटनाशकों के..
- किसान अधिक से अधिक ड्रोन का करें प्रयोग, बेहतर होगीं फसलें
ड्रोन यानी मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) की तकनीक बहुत तेजी से विकसित हो रही है। अब हमारी फसलों पर कीटनाशकों के छिड़काव, देश के दूरदराज के कोनों में दवाओं और टीकों के वितरण से लेकर दिन/रात निगरानी आदि के माध्यम से कानून व्यवस्था बनाए रखने वाले अनुप्रयोगों से हमारे जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ने लगा है।
इन सबको ध्यान में रखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने बुधवार को आईआईटी कानपुर परिसर में उड़ान प्रयोगशाला में एक "ड्रोन मेला" का आयोजन किया गया। इस मेले का उद्देश्य है कि किसान अधिक से अधिक ड्रोन का प्रयोग फसलों का बेहतर उत्पादन कर सकें।
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आईआईटी कानपुर के उप निदेशक प्रोफेसर एस गणेश ने ड्रोन प्रौद्योगिकी के प्रभाव और आईआईटी कानपुर के संकाय और छात्रों द्वारा किए गए योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने ड्रोन मेला के आयोजन के लिए आईआईटी कानपुर में विश्वास रखने के लिए डीजीसीए को धन्यवाद दिया।
इसके बाद पांच मिनट की एक छोटी वीडियो प्रस्तुति दी गई, जिसमें आईआईटी कानपुर के छात्रों द्वारा मानव रहित हेलीकॉप्टर ड्रोन, फ़्लैपिंग विंग ऑर्निथोप्टर, उच्च दक्षता वाले वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (वीटीओएल) सिस्टम, दीवारों पर ड्रोन की पंचिंग और ड्रोन स्वार्म प्रौद्योगिकियों से संबंधित चल रहे शोध के बारे में बताया गया। फिक्की ड्रोन समिति के अध्यक्ष राजन लूथरा ने उचित बाजार और निवेश के अवसरों की पहचान करने में मदद करने के लिए उपयुक्त नेटवर्किंग के माध्यम से स्टार्ट-अप का समर्थन करने में फिक्की की भूमिका के बारे में बताया।
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संयुक्त सचिव, नागरिक उड्डयन मंत्रालय अंबर दुबे ने छात्रों और विशेष रूप से छात्राओं को प्रासंगिक इंजीनियरिंग डिग्री जैसे एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल आदि प्राप्त करने के उद्देश्य से ड्रोन को अपने भविष्य के कैरियर विकल्प के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित किया और आग्रह किया।
उन्होंने उपस्थित किसानों को संबोधित किया और उन्हें बताया कि कैसे भारत सरकार द्वारा देशभर में 6.6 लाख से अधिक गांवों के लिए डिजिटल भूमि होल्डिंग रिकॉर्ड बनाने के लिए स्वामीत्व योजना में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सभी हितधारकों के संयुक्त अथक प्रयासों से ही भारत वास्तव में ड्रोन प्रौद्योगिकी केंद्र और इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन पाएगा। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) हाल ही में उद्योग के अनुकूल नियम लेकर आया है और सरकार ने ड्रोन कंपनियों के लिए प्रदर्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना भी शुरू की है।
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- दुरुपयोग से बचें
कानपुर पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने देश के भीतर विकसित हो रही ड्रोन तकनीक की स्थिति पर खुशी व्यक्त की और याद दिलाया कि कैसे कभी कभी ऐसे अद्भुत मानवीय अनुप्रयोगों वाले ड्रोन का दुष्ट तत्वों द्वारा दुरुपयोग भी किया जा सकता है। उन्होंने ड्रोन और काउंटर ड्रोन तकनीक दोनों की महत्वपूर्णता पर जोर दिया और युवा दिमागों से इन क्षेत्र में अनुसंधान और विकास करने का आग्रह किया।
- चकित रह गयें लोग
मेले का सबसे बड़ा आकर्षण, उड़ान प्रदर्शन, एंड्योरएयर के वसंत द्वारा एक्रोबेटिक 3 डी ड्रोन उड़ान प्रदर्शन के उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ।उन्होंने अपने नैनो ड्रोन को हवा में लुभावने युद्धाभ्यास के माध्यम से हवा से बाते करने वाले इंजीनियर और फ्लायर के रूप में अपने कौशल का प्रदर्शन किया।
हर कोई चकित रह गया जब ड्रोन हैंगर में घुस गया और एक त्वरित इनडोर उड़ान भरते हुए सभी के सिर के ऊपर से उड़ गया। इसके बाद वीटीओएल एविएशन द्वारा एक सर्वेक्षक ड्रोन का प्रदर्शन किया गया, जिसके बाद इंजन संचालित दवा/वैक्सीन डिलीवरी ड्रोन विभ्रम की उड़ान भरी गई, जिसने हाल ही में तेलंगाना में 42 किलोमीटर की दूरी पर 02 किलो वजन वाले टीके दिए हैं। इसके बाद सर्विलांस ड्रोन ई-विभ्रम का प्रदर्शन किया गया। हबल फ्लाई टेक्नोलॉजीज और यूपी पुलिस ने भी अपने क्वाड्रोटर ड्रोन का प्रदर्शन किया।
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