उप्र में आउट ऑफ स्कूल बच्चों को उम्र के हिसाब से मिलेगी कक्षा, दी जाएगी स्पेशल ट्रेनिंग
आउट ऑफ स्कूल एवं ड्राप आउट बच्चों को दोबारा स्कूल के दरवाजे तक लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी मुहिम शुरू की है..
- स्पेशल ट्रेनिंग के लिए सरकार ने जारी किया 21 करोड़ से अधिक का बजट
- स्कूल से दूर बच्चों को मुख्य धारा में शामिल करने में मिलेगी मदद
आउट ऑफ स्कूल एवं ड्राप आउट बच्चों को दोबारा स्कूल के दरवाजे तक लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी मुहिम शुरू की है। बेसिक शिक्षा विभाग विशेष प्रशिक्षण देकर आउट ऑफ स्कूल बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से कक्षा में प्रवेश देगा। बच्चों को विशेष ट्रेनिंग देने के लिए स्कूलों में नोडल शिक्षक तैनात किए जाएंगे।
सरकार ने प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विशेष प्रशिक्षण प्रदान किये जाने लिए 21 करोड़ 30 लाख रुपए का बजट भी जारी किया है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक विशेष ट्रेनिंग देकर बच्चों को समाज की मुख्य धारा में शामिल करना है।
यह भी पढ़ें - 677 साल बाद दीपावली के पहले पुष्य नक्षत्र में खरीदारी के लिए आया विशेष महामुहूर्त
- बच्चों को दोबारा स्कूल लाने के लिए चल रहा शारदा कार्यक्रम
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 7 से 14 वर्ष के आउट ऑफ स्कूल बच्चों को दोबारा स्कूल लाने के लिए शारदा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस योजना के तहत प्रदेश में दो लाख से अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिन्हित किया गया है। विभाग के अनुसार चिन्हित आउट ऑफ स्कूल बच्चों को प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में उनकी उम्र के हिसाब से कक्षा में दाखिला दिया जाएगा।
बच्चों के शैक्षणिक स्तर का मूल्यांकन करने के बाद आयुसंगत कक्षा के शैक्षणिक स्तर तक लाने के लिये विशेष प्रशिक्षण दी जाएगी। बच्चों को विशेष प्रशिक्षण उसी विद्यालय परिसर में दिया जायेगा, जहां बच्चा नामांकित किया गया है। विशेष प्रशिक्षण के दौरान कक्षा के अन्य बच्चों के साथ शैक्षणिक और भावनात्मक रूप से जुड़ने योग्य बनाने के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए जाएंगे। जो बच्चों का सहयोग करेंगे। इसके अलावा नोडल अधिकारी यह भी तय करेंगे कि बच्चे रोजाना विद्यालय में उपस्थित हो।
यह भी पढ़ें - लखनऊ फ्रेंचाइजी के आईपीएल की सबसे महंगी टीम बनने पर उत्तर प्रदेश के लोगों में खुशी
- बच्चों को मिलेगी ब्रांडेड शिक्षण सामग्री
आउट ऑफ स्कूल बच्चों को दाखिले के बाद उच्च गुणवत्ता की ब्रांडेड शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। बच्चों को ब्रांडेड पेन्सिल, रबर, कटर, कॉपियों, कलर आदि विद्यालय प्रबन्ध समिति खरीद कर देगी।
विभाग की ओर से बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए गए है कि अगर बच्चों को घटिया सामग्री मिलने पर विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव व सदस्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। बच्चों को दी जा रही विशेष ट्रेनिंग की समीक्षा प्रत्येक महीने जिलाधिकारी स्तर पर की जाएगी।
यह भी पढ़ें - योगी सरकार का बड़ा फैसला, कोरोना काल में जनता पर लगे तीन लाख मुकदमें होंगे वापस
- बच्चों का बढ़ाएंगे हौसला
आउट ऑफ स्कूल बच्चों को रोजाना विद्यालय आने के लिए उनका हौसला बढ़ाने का काम भी विभाग करेगा। विशेष ट्रेनिंग के दौरान बच्चों की एक्टिविटी को कैमरे में कैद किया जाएगा। इसको स्कूल के नोटिस बोर्ड व प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
साथ ही दूसरे बच्चों के साथ उनकी एक्टिविटी साझा की जाएगी। इससे वह स्कूल में घुल मिल सकेंगे। विद्यालय प्रबंध समिति की ओर से बच्चों के अभिभावकों से उनकी पढ़ाई की प्रगति व एक्टिविटी को भी साझा किया जाएगा।
यह भी पढ़ें - प्रशांत नील ने रवीना टंडन को खास अंदाज में दी जन्मदिन की बधाई
हि.स