जीवित गोवंशो को दफनाने के मामले में डीएम ने सीडीओ को सौंपी जांच
बांदा जनपद के नरैनी तहसील अंतर्गत मध्य प्रदेश की सरहद में आधा सैकड़ा जीवित गायों को दफनाने...
बांदा जनपद के नरैनी तहसील अंतर्गत मध्य प्रदेश की सरहद में आधा सैकड़ा जीवित गायों को दफनाने के मामले में जिला अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं और जांच मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी है। इस बीच गौ हत्या के विरोध में नरैनी कस्बे में सड़क जाम करके प्रदर्शन कर रहे हिंदू संगठनों को दो दिन में जांच कर कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना खत्म करा दिया गया है।
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बताते चलें कि शनिवार को लगभग 9 ट्रकों में नगर पंचायत नरैनी से डेढ़ सौ गोवंशों को रवाना किया गया था। इस पर गौ रक्षकों का आरोप है कि गोवंशों को मध्य प्रदेश के निर्जन जंगल में छोड़ दिया गया है और जो बीमार लाचार गोवंश थे उन्हें जीवित ही दफन कर दिया गया है। इस पर मौके पर जाकर क्षेत्रीय विधायक राजकरण ने भी गोवंशों को दफन करने की पुष्टि की है।
यह मामला जब हिंदू संगठनों के संज्ञान में आया तो वह आंदोलित हो उठे और नरैनी कस्बे में मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया। जो मांग कर रहे थे कि गौ हत्या करने वालों को फांसी दी जाए। इन्हें दो दिन के भीतर जांच कराने का आश्वासन देकर समझा बुझा दिया गया जिससे उन्होंने धरना खत्म कर दिया।
इधर जिला अधिकारी ने अनुराग पटेल ने इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य को सौंप दी है। इस बारे में उन्होंने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी बांदा वेद प्रकाश मौर्य को जांच अधिकारी नामित किया है तथा निर्देश दिये हैं कि जांच कर दो दिनों के अन्दर अनिवार्य रूप से आख्या उन्हें उपलब्ध कराये जिससे उपरोक्त प्रकरण की अग्रिम कार्यवाही की जा सके।
इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी नरैनी एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी बांदा से रिपोर्ट मांगी थी जिस पर दोंनो अधिकारियों ने लिखित रूप से रिपोर्ट दी है कि नगर पंचायत नरैनी की अस्थायी गौशाला जो मण्डी समिति मोतियारी में संचालित है जिसमें 91 गौवंश संरक्षित थे। इसके अतिरिक्त कस्बा नरैनी से भी काफी गौवंश मण्डी में इकट्ठा हो गये थे।
गौवंशों की संख्या अधिक होने के कारण उनके भरण-पोषण की समस्या भी हो रही थी। इस मण्डी में चर्न्द्रशेखर फार्मर प्रोड्यूसर कनिष्ठ लिपिक नरैनी व बांके बिहारी प्रोड्यूसर व श्री कान्हा कृषि उत्पादन के कुल तीन धान क्रय केन्द्र भी खुले हैं। मण्डी समिति में अधिक संख्या में गौवंश होने के कारण धान की खरीद में कठिनाई हो रही थी। जिस कारण किसानों के धान क्रय को दृृष्टिगत रखते हुए वहां से गौवंशों को अन्य ग्रामीण स्तर की गौशालाओं में संरक्षित किया गया है।
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जिसमें ग्राम गुढाकला की अस्थायी गौशाला में 26 गौवंश, ग्राम मसौनी भारतपुर की अस्थायी गौशाला में 38 गौवंश व ग्राम नहरी की अस्थायी गौशाला में 25 गौवंश तथा ग्राम रगौली भटपुरा की स्थायी गौशाला में 45 गौवंश, इस प्रकार कुल 134 गौवंशों को संरक्षित किया गया है। उपरोक्त अधिकारियों के द्वारा बताया गया है कि अस्थायी गौशाला के ग्राम प्रधानों क्रमशः संतोष कुमार, रामकली, चन्द्रकली व रगौली भटपुरा की स्थायी गौशाला के गोपाल गौ सेवा ट्रस्ट द्वारा विधिवत अपने रजिस्टर में अंकित किया गया है जो उनकी देख-रेख में है।
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