कोविड-19 हास्पिटल में मरीजों को देर से खाना मिलने पर डीएम भड़के, ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई

कोविड-10 से सम्बद्ध राजकीय पालीटेक्निक सुमेरपुर में भर्ती कोरोना के संक्रमित मरीजों को समय से भोजन न मिलने की शिकायत पर गुरुवार को जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त रूप से हास्पिटल पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया...

कोविड-19 हास्पिटल में मरीजों को देर से खाना मिलने पर डीएम भड़के, ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई

  • बीडीओ को प्रतिदिन हास्पिटल का निरीक्षण करने के निर्देश, एमओआईसी के सत्यापन के बाद होगा भुगतान

मरीजों को देर से खाना मिलने की शिकायत सही पाये जाने पर जिलाधिकारी ने कोविड-19 से सम्बद्ध ठेकेदार को नोटिस देकर जवाब मांगने के साथ ही एफआईआर दर्ज कराये जाने के निर्देश दिये है।

सुमेरपुर कस्बे के राजकीय पालीटेक्निक भवन को कोविड-19 से सम्बद्ध किया गया है। इस हास्पिटल में तमाम कोरोना के संक्रमित मरीज भर्ती है। मरीजों ने हास्पिटल में देर से भोजन मिलने की शिकायतें कर अव्यवस्थाओं की पोल खोली थी।

इस मामले में गंभीर रुख अख्तियार करते हुये जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी व पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ हास्पिटल का औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान कोविड-19 से सम्बन्धित ठेकेदार, फर्म के खिलाफ नोटिस जारी कर उसे ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिये।

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जिलाधिकारी ने कहा कि ठेकेदार से कोरोना के मरीजों को देर से खाना दिये जाने के मामले को लेकर जवाब मांगा जाये कि क्यों न फर्म को ब्लाक लिस्ट करते हुये टेण्डर निरस्त किया जाये।

उन्होंने चेतावनी देते कहा कि दोबारा इस तरह की कोई लापरवाही बरती गयी तो इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। एपेडेमिक एक्ट में ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करायी जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक दशा में मरीजों व डॉक्टरों को मीनू के अनुसार गुणवत्तापूर्ण भोजन समय से दिया जाना चाहिए। भोजन देने में लेट लतीफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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उन्होंने कहा कि खंड विकास अधिकारी द्वारा प्रतिदिन इस हेतु निरीक्षण कर रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि ठेकेदार/फर्म का भुगतान संबंधित एमओआईसी के सत्यापन के बाद ही किया जाए।

जिलाधिकारी ने वहां मौजूद चिकित्सा कर्मियों से भी इस बारे में पूछताछ की जरूरी निर्देश दिए। मरीजों से पूछताछ व फीडबैक में ज्ञात हुआ कि भोजन की गुणवत्ता ठीक है किंतु भोजन समय से नहीं दिया जा रहा है इस पर जिलाधिकारी ने तत्काल मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित संबंधित ठेकेदार व अन्य संबंधित को निर्देश दिए कि समय से भोजन उपलब्ध कराया जाए। भोजन सामग्री साफ सुथरा स्थानों पर ही रखा व परोसा जाए।

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जिलाधिकारी ने मरीजों से कहा कि यदि भोजन समय से ना मिले अथवा भोजन की गुणवत्ता सही ना पाई जाए तो तत्काल अवगत कराया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा मरीजों की समय-समय पर काउंसलिंग की जाय तथा उनका मनोबल बढ़ाया जाए। अस्पताल में किसी भी दशा में कोई भी व्यक्ति पान मसाला, गुटका न खाने पाए इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि रोड पर किसी भी दशा में अन्ना जानवर नहीं दिखने चाहिए।  इस हेतु खंड विकास अधिकारी द्वारा सभी जरूरी कार्रवाई की जाए, प्रत्येक दशा में 100 अन्ना गौवंश को गौशालाओं में ही संरक्षित किया जाए। इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले ग्राम सचिव पर कार्रवाई की जाए। अपने पालतू पशु अन्ना छोड़ने वालो को चिन्हित कर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाए।

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इस मौके पर अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व उप जिलाधिकारी सदर, सीएमओ तथा अन्य संबंधित मौजूद रहे।

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