विकास की बाट जोह रहा 1860 में बना टाउन एरिया राजापुर
गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर में उपेक्षा के चलते व्यापारियों में रोष पनप रहा है...
तुलसी नगरी उपेक्षा से व्यापारियों में रोष
राजापुर (चित्रकूट)। गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर में उपेक्षा के चलते व्यापारियों में रोष पनप रहा है। उद्योग व्यापार मण्डल के पदाधिकारी विकास के लिए कई बार शासन, प्रशासन व राजनेताओं को पत्राचार कर चुके हैं। बावजूद इसके तुलसी नगरी विकास से कोसो दूर हैं।
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आजादी के पहले 14 अगस्त 1860 को आगरा के साथ राजापुर को टाउन एरिया का दर्जा प्राप्त हुआ था। 1951 में लोकतंत्र के तहत प्रथम चुनाव में रामप्रसाद रूपौलिहा चुने गए। तब से लेकर आज तक तुलसी जन्मस्थली राजापुर विकास के लिए बाट जोह रहा है। उद्योग व्यापार मण्डल के जिला उपाध्यक्ष शिवपूजन गुप्ता ने राजापुर नगर पंचायत के विकास के लिए रेलवे लाइन तथा ब्लाक का दर्जा, क्षेत्रीय स्तर का परिवहन बस अड्डा, संत तुलसी दास जी के द्वारा चंदन से स्थापित हनुमान मंदिर व तुलसी उपवन वाटिका को संरक्षित करने के साथ ही यमुना के बाढ़ के कटान को रोकने के लिए पिचिंग के साथ एप्रोच रोड की मांग करते चले आ रहे हैं। यदि इन सभी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो संकट मोचन मंदिर, तुलसी उपवन वाटिका यमुना की कटान से यमुना की गोद में विलय होने से कोई रोक नहीं पाएंगा।
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शिवपूजन गुप्ता ने बताया कि अभी तीन दिन पहले संत मुरारी बापू ने भी राजापुर के विकास के लिए चिंता और चिंतन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखने की बात कही है। बापू ने तुलसी जन्मोत्सव के समय सात दिन राजापुर में रहकर तुलसी जयंती को भव्य तरीके से मनाने की बात कही हैं। श्री गुप्ता ने बताया कि यदि भरवारी या सिराथू से रेलवे स्टेशन चित्रकूट धाम से जोड़ दिया जाए तो राजापुर का विकास संभव हो सकता हैं। अयोध्या, प्रयागराज, बनारस को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम से जोड़े जाने से तीर्थ स्थलों में यात्रियों को आने जाने की सुविधा प्राप्त होगी और राजापुर का विकास भी हो सकता हैं। तुलसी तीर्थ राजापुर को विश्व मानचित्र पटल पर अंकित कराने की मांग की हैं।