विद्यालय ही विश्व विद्यालय की होते हैं नींव : कुलपति

जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के अष्टावक्र सभागार में चित्रकूट जनपद के माध्यमिक विद्यालयों...

Mar 19, 2025 - 11:04
Mar 19, 2025 - 11:06
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विद्यालय ही विश्व विद्यालय की होते हैं नींव : कुलपति

समारोह में 60 से अधिक प्राचार्य व प्रधानाचार्य सम्मानित

जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में हुआ प्रधानाचार्यों का सम्मान

चित्रकूट। जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के अष्टावक्र सभागार में चित्रकूट जनपद के माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का सम्मान समारोह एवं होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। 

आयोजन के मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक संतोष कुमार मिश्र रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय ने की। कुलपति ने कहा कि विद्यालय ही विश्वविद्यालय की नींव होते हैं। विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी ही उच्च शिक्षा में नामांकित होते हैं। माध्यमिक विद्यालय से ही विद्यार्थियों को यह प्रेरणा देनी चाहिए कि वह अपनी योग्यतानुसार उचित व्यावसायिक पाठ्यक्रम एवं अकादमी पाठ्यक्रम का चयन कर निकटवर्ती उच्च शिक्षा संस्थान में प्रवेश सुनिश्चित करे। इसी दिशा में विश्वविद्यालय का यह प्रयास है कि अधिक से अधिक छात्रों का विश्वविद्यालय में प्रवेश सुनिश्चित हो। ताकि वह विश्वविद्यालय के समावेशी वातावरण में अध्ययन कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय भारत का प्रथम दिव्यांग विश्वविद्यालय है। जिसमें दिव्यांग एवं सामान्य दोनों प्रकार के विद्यार्थियों को राज्य सरकार के द्वारा अध्ययन की सुविधा प्राप्त है। उन्होंने प्रधानाचार्यों का सम्मान गुरु शिष्य परंपरा का सम्मान बताते हुए कहा कि किसी भी विद्यालय के प्रधानाचार्य उसके प्रेरणा स्रोत होते हैं निश्चित रूप से प्रधानाचार्य की भूमिका विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में अपरिहार्य होती है। उन्हीं के नेतृत्व में नई पीढ़ी अपना भविष्य संवारती है। उन्होंने विश्वविद्यालय और विद्यालयों को सतत संपर्क में रहने की आवश्यकता पर बल दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक ने आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय के प्रत्येक शैक्षणिक प्रयास में उनका प्रशासनिक सहयोग हमेशा रहेगा। उन्होंने समस्त विश्वविद्यालय परिवार और प्रधानाचार्यों को होली की शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव मधुरेंद्र कुमार पर्वत ने किया। संचालन संगीत विभाग के अध्यक्ष डॉ गोपाल कुमार मिश्र के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में लगभग 60 से अधिक प्राचार्य एवं प्रधानाचार्यों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ महेंद्र कुमार उपाध्याय, डॉ विनोद कुमार मिश्र, डॉ निहार रंजन मिश्र, डॉ अमित अग्निहोत्री, डॉ गुलाबधर, डॉ किरण त्रिपाठी, डॉ रजनीश कुमार सिंह, डॉ प्रमिला मिश्रा, दलीप कुमार, डॉ मुकुंद मोहन पांडेय, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डॉ मनोज कुमार पांडेय, पुस्तकाल अध्यक्ष राजेश कुमार मिश्र, डॉ प्रमिला मिश्रा, डॉ नीतू तिवारी, डॉ दुर्गेश कुमार मिश्र, डॉ सुनीता श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। यह जानकारी पीआरओ सुधीर कुमार ने दी है।

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