नेत्र चिकित्सा में नई पहल : 250 ऑप्टोमेट्रिस्ट/नेत्र सहायक रिफ्रेशर प्रशिक्षण का शुभारंभ
परम पूज्य संत रणछोड़ दास जी महाराज द्वारा स्थापित श्री सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय, जानकीकुंड, चित्रकूट ने नेत्र...
मैनुअल पुस्तिका का विमोचन भी हुआ
चित्रकूट। परम पूज्य संत रणछोड़ दास जी महाराज द्वारा स्थापित श्री सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय, जानकीकुंड, चित्रकूट ने नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई पहल करते हुए उत्तर प्रदेश के 250 ऑप्टोमेट्रिस्ट/नेत्र सहायकों के लिए रिफ्रेशर प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की। यह कार्यक्रम सरकारी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कार्यरत नेत्र सहायकों की क्षमताओं और कौशल को बेहतर बनाने के उद्देश्य से संचालित हो रहा है।
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कार्यक्रम का उद्घाटन
इस कार्यक्रम का शुभारंभ चित्रकूट के जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जे.एन. ने किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भूपेश द्विवेदी, राज्य तकनीकी सलाहकार अभय द्विवेदी (एनपीसीबी एंड वीआई, उत्तर प्रदेश), आर.के. करवरिया (डीपीएम-एनआरएचएम, चित्रकूट), डॉ. संतोष कुमार (डीपीएम-एनपीसीबी एंड वीआई, चित्रकूट), डॉ. बी.के. जैन (निदेशक एवं ट्रस्टी, श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट), और डॉ. इलेश जैन (सीईओ एवं ट्रस्टी, श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट) सहित कई विशिष्टजन उपस्थित रहे।
मैनुअल पुस्तिका का विमोचन
कार्यक्रम के दौरान ऑप्टोमेट्रिस्ट और नेत्र सहायकों के लिए विशेष रूप से तैयार रिफ्रेशर प्रशिक्षण मैनुअल पुस्तिका का विमोचन किया गया। इस पुस्तिका के माध्यम से प्रतिभागी अपनी तकनीकी दक्षताओं को और बेहतर बना सकेंगे।
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प्रशिक्षण का उद्देश्य और संरचना
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पांच बैचों में आयोजित होगा, जिनमें प्रत्येक बैच में 50 प्रतिभागी शामिल होंगे। इसका उद्देश्य नेत्र चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना और मरीजों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है।
जिलाधिकारी का वक्तव्य
जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जे.एन. ने अपने संबोधन में कहा कि स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए क्षमता निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश में नेत्र सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा और प्रतिभागियों को तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बनाएगा।
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संयोजन और सहयोग
यह पहल श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट, एनपीसीबी एंड वीआई, और चित्रकूट जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से संचालित की जा रही है। प्रशिक्षण के सफल आयोजन से उत्तर प्रदेश में नेत्र देखभाल सेवाओं के परिणामों में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद की जा रही है।