प्रयागराज के पंडे भी हुए डिजिटली अपडेट, ऑनलाइन ले रहे दान दक्षिणा
महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं और यजमानों के लिए पंडा भी तैयारियों में जुटे हैं। देश में रुपयों के लेन-देन...
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं और यजमानों के लिए पंडा भी तैयारियों में जुटे हैं। देश में रुपयों के लेन-देन में या फिर सामान की खरीददारी में डिजिटल पेमेंट मुख्य भूमिका निभा रहा है। ऐसे में अब संगम के घाटों के पंडा भी डिजिटली अपडेट हो चुके हैं। संगम के घाटों पर बैठने वाले पंडित पुजारी पंडे गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं को दान करवाते हैं। जिसमें उन्हें दक्षिणा प्राप्त होती है। आज के समय में फुटकर पैसों की समस्या होने के कारण अब पंडित जी भी यूपीआई स्कैनर चौकियों पर लगाये हुए हैं। प्रयागराज के वरिष्ठ पंडा गगन भारद्वाज के अनुसार, डिजिटल पेमेंट के कारण तीर्थपुरोहितों के साथ ही श्रद्धालुओं को भी काफी सुविधा मिल रही है। दक्षिणा का भुगतान डिजिटल माध्यम से बड़े ही आराम से हो रहा है। संगम स्नान के लिए कपूरथला पंजाब से आए एक श्रद्धालु रणवीर शर्मा ने बताया कि आजकल छुट्टे पैसे नहीं मिलते हैं। डिजिटल पेमेंट जितना चाहें दान कर सकते हैं। सभी के पास पेटीएम, फोनपे का यूपीआई होता है। अगर चेंज पैसे हैं तो पैसे भी दे सकते हैं। भोपाल से आये श्रद्धालु रमेश कांवरियां कहते हैं कि, डिजिटल पेमेंट के चलते लेन देन आसान हुआ है। एटीएम से पैसे निकालना भी सुविधाजनक नहीं है। ऐसे में डिजिटल पेमेंट से दान दक्षिणा भी आसान हो गया है।
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लोगों की सुविधा और सरकार को टैक्स देना आसान होगा पंडा राम बाबू ने बताया कि दक्षिणा लेने के लिए क्यूआर कोड रखा हुआ है। इससे श्रद्धालुओं को दान देने में आसानी रहती है। मोदीजी ने डिजिडल इंडिया कर दिया है। उन्होंने बहुत सारी सुविधाएं यहां कर दी हैं। ऐसे में जब श्रद्धालु आते हैं और उनके पास दान-दक्षिणा के लिए छुट्टे पैसे न हों तो वह क्यूआर कोड स्कैन कर सकें। इसके साथ ही अगर टैक्स के दायरे में आता हूं तो मैं भी टैक्स पेमेंट कर सकूं।
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5 से 10 हजार तक हो जाती है आमदनीसंगम घाट पर बैठे अधिकतर पंडे पुजारी स्कैनर का प्रयोग कर रहे। घाट पर बैठे पंडाओं की आमदनी की बात करें तो आम दिनों में 500 से 1000 रुपये की कमाई हो जाती है। वहीं, किसी विषेश पर्व पर इनकी आमदनी 5,000 से 10,000 भी हो जाती है। इसका बड़ा कारण ये भी है कि पर्व-त्योहारों पर प्रयागराज में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसके साथ ही आम दिन में इन्हे कोई यजमान विशेष पूजा कराता है, तो इनकी आय 5,000 रुपये तक आसानी से हो जाती है।
हिन्दुस्थान समाचार
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