समितियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को धरातल पर उतारे विभागीय अधिकारी : सभापति
उत्तर प्रदेश विधान परिषद की विधायी समाधिकार समिति के सभापति डॉ मान सिंह यादव के सभापतित्व...

विधान परिषद की विधायी समाधिकार समिति की हुई बैठक
जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों को समयसीमा पर निस्तारण करने के दिए निर्देश
विभागों ने सभापति व सदस्यों के समक्ष रखे प्रस्ताव
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की विधायी समाधिकार समिति के सभापति डॉ मान सिंह यादव के सभापतित्व में समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। जनपद आगमन पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सम्मान किया गया।
बैठक में जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन एवं पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने सभापति डॉ मान सिंह यादव, सदस्य विधान परिषद ओम प्रकाश सिंह, सदर विधायक अनिल प्रधान को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। साथ ही अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। सभापति ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विधायी समाधिकार समिति का उद्देश्य संवैधानिक नियमों का अनुपालन कराना है। सभी विभागीय अधिकारी संवैधानिक नियमों के अनुपालन के लिए विभिन्न समितियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को धरातल पर मूर्त रूप में उतारने में तत्परता के साथ कार्य करें। जिला प्रशासन संबंधित जनपद में विधानसभा एवं विधान परिषद के चयनित जनप्रतिनिधियों द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रस्ताव एवं आवेदनों का निस्तारण निर्धारित समयसीमा के अंदर पूर्ण कराएं। इसके साथ ही अधिकारी संबंधित प्रस्ताव पर की गई कार्यवाही से जनप्रतिनिधियों को अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि निर्माण संबंधी परियोजनाओं की पूर्ति के पश्चात लोकार्पण के समय शिलापट्ट पर जनप्रतिनिधियों के नाम अनिवार्य रूप से अंकित किया जाए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होना चाहिए। सदन की कार्यवाही के दौरान समितियों द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का समस्त जिला स्तरीय अधिकारी अक्षरशः अनुपालन करें। इसके साथ ही विचाराधीन लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ निस्तारित कराया जाए। बैठक में सभापति सहित उपस्थित अन्य सदस्यों द्वारा जनपद के अधिकारियों से कहा कि समितियां लघु सदन के रूप में कार्य करती हैं जिनका उद्देश्य संविधान में प्रदत्त नियमों का धरातल पर अनुपालन सुनिश्चित कराना है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सदस्यों को जनता के द्वारा चुना जाता है जबकि विधान परिषद के सदस्यों को नगर पालिका, पंचायत एवं अन्य राज्य संस्थाओं द्वारा चुना जाता है। इसके उपरांत बैठक में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सभापति के समक्ष विभिन्न विभागों जिसमें राजस्व, पुलिस, ग्राम्य विकास, सूचना, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन विभाग, पंचायती राज, ऊर्जा विभाग, चिकित्सा विभाग, आबकारी विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग तथा सिंचाई विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा एवं विधान परिषद के जनप्रतिनिधियों द्वारा विगत तीन वर्षों में प्रस्तुत प्रस्तावों, आवेदनों की अनुपालन आख्या से अवगत कराया गया।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि सभापति एवं सदस्यो के दिशा निर्देशो का अनुपालन संबंधित अधिकारियों से जनपद में कराकर विकास कार्यों को शासन की मंशा के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण कराया जाएगा। बैठक में विधायी समाधिकार समिति के उप सचिव संजय कुमार अग्रहरी, समीक्षा अधिकारी विवेक सिंह, प्रतिवेदक अभय सिंह, अपर निजी सचिव अंकुर रावत, अपर जिलाधिकारी उमेश चन्द्र निगम, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भूपेश द्विवेदी, परियोजना निदेशक डीआरडीए सच्चिदानंद प्रसाद, डीसी मनरेगा धर्मजीत सिंह, डीसी एनआरएलएम ओमप्रकाश मिश्र, जिला पंचायत राज अधिकारी इंद्र नारायण सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीके शर्मा सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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