बुन्देलखण्ड विश्वकोश डॉट कॉम वेबसाइट हुई लॉन्च
विगत 2 वर्षों से नव बुन्देलखण्ड सृजन एवं जनकल्याण समिति के तत्वाधान में बुन्देलखण्ड की समस्त ....
विगत 2 वर्षों से नव बुन्देलखण्ड सृजन एवं जनकल्याण समिति के तत्वाधान में बुन्देलखण्ड की समस्त जानकारियां एक जगह एकत्र करने के उद्देश्य से बुन्देलखण्ड विश्वकोश की शुरूआत काफी प्रभावी रही है। रविवार 9 जुलाई को मध्य प्रदेश के सागर नगर में डॉ. हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय के एजूकेशनल मल्टीमीडिया रिसर्च सेंटर के हाल में आयोजित एक समारोह में इसकी वेबसाइट बुन्देलखण्ड विश्वकोश डॉट कॉम का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर समिति के पदाधिकारी, सदस्य सहित शहर के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
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समिति की अध्यक्ष डॉ. सरोज गुप्ता के निर्देशन में चल रहे इस इनसाइक्लोपीडिया कार्य में पूरे देश से वो लोग सहयोगी हैं, जो बुन्देलखण्ड से किसी न किसी रूप में जुडे हैं। डॉ. गुप्ता बताती हैं कि हालांकि ये परिकल्पना काफी पुरानी है, सन् 1940-41 में मधुकर के सम्पादक बनारसी दास चतुर्वेदी , ओरछा नरेश श्री वीरसिंहजू देव एवं कृष्णानन्द गुप्त ने इस पर कार्य करना प्रारम्भ किया था। इसे लगभग 10 खण्डों में बनाने की रूपरेखा तय हुई, परन्तु किसी कारणवश ये कार्य अपनी परिणति को प्राप्त नहीं हो सका। बुन्देलखण्ड विश्वकोश योजना पर पुनः विचार कर इसके लिए शुरूआत हो चुकी है। बुन्देलखण्ड के सभी जिलों से सक्रिय सदस्य जुड़े हैं। जानकारियों का आदान-प्रदान किया जा रहा है।अब इसे वेबसाइट के स्वरूप में लॉन्च किया गया है। जो बुन्देलखण्ड के शोधार्थियों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
समिति के सचिव श्री सचिन चतुर्वेदी ने बताया कि इस विश्वकोश के दो स्वरूप होंगे, पहला ऑनलाइन और दूसरा ऑफलाइन। ऑनलाइन की शुरूआत इस कार्यक्रम में वेबसाइट को लॉन्च करके किया गया है। इसमें बुन्देलखण्ड के विभिन्न विषयों को ध्यान में रखते हुए 33 उपसमितियों में बांटकर सभी प्रकार की जानकारियां जुटाकर इस वेबसाइट में डालने का कार्य शुरू कर दिया गया है। एक बार यह कार्य पूरा होने के बाद इसे पुस्तक रूप में प्रकाशित किया जायेगा। शुरूआती आंकलन के अनुसार यह लगभग 40 वॉल्यूम में प्रकाशित होगा।
कार्यक्रम के आयोजक व समिति के सांस्कृतिक सचिव डॉ. पंकज तिवारी ने बताया कि आज के इस आयोजन से हम एक कदम और आगे बढ़े हैं। पूरे बुन्देलखण्ड चाहे वो उत्तर प्रदेश में हो या मध्य प्रदेश में, जहां भी बुन्देलखण्ड को चाहने वाले लोग हैं, वो धीरे-धीरे इसके लिए आगे आ रहे हैं। काफी अच्छी शुरूआत हो चुकी है।
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आयुर्वेद समिति के प्रभारी डॉ राजेश शुक्ला जी ने बुन्देलखंड की चिकित्सकीय धरोहर एवं आयुर्वेदिक बिरासत की विशेषताओं का विशद विवेचन किया। बुन्देलखंड के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में वैद्यों के उपचारों घरेलू मसाले,जड़ी बूटियों पर प्रकाश डाला।
पत्रकारिता समिति के प्रभारी डॉ. आशीष द्विवेदी ने बताया कि अन्य समितियों की भांति पत्रकारिता समिति में लोगों को जोड़ने का क्रम जारी है। पूरे बुन्देलखण्ड से पत्रकारों, समाचार पत्रों, पत्रिकाओं समेत पत्रकारिता से सम्बन्धित समस्त जानकारियां जुटाई जा रही हैं। शीघ्र ही सभी उपसमितियों की अलग-अलग बैठकें आयोजित की जायेंगी। और इस कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जायेगा।
समिति के संयुक्त सचिव डॉ. के. कृष्णा राव ने बताया कि जिला स्तर पर भी कमेटियां बनायी गयी हैं। इसमें मध्य प्रदेश के सागर, दतिया, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, छतरपुर व पन्ना इत्यादि जनपदों के साथ उत्तर प्रदेश के बांदा, झांसी, जालौन, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट व ललितपुर के प्रबुद्ध लोगों को जोड़ा जा रहा है। हर उस व्यक्ति की इस समिति को आवश्यकता है, जिसने बुन्देलखण्ड के लिए कुछ विशेष किया हो।
बुन्देलखण्ड विश्वकोश की वेबसाइट बनाने का कार्य झांसी की कम्पनी एक्ट टी कनेक्ट ने किया है। इस कार्यक्रम में डायरेक्टर तरूण द्विवेदी ने जब वेबसाइट का प्रेजेन्टेशन प्रारंभ किया तब उनके सक्रिय प्रयासों की सभी ने मुक्त कंठ से सराहना की। तरूण द्विवेदी ने बताया कि समिति की अपेक्षाओं को वो क्रमबद्ध लगातार पूरा करते जा रहे हैं। जैसे-जैसे जो सुझाव आ रहे हैं, उन्हें बनाने का कार्य उनकी टीम कर रही है। हर दिन कुछ न कुछ नयी जानकारियां इस वेबसाइट में जोड़ी जा रही हैं।
शुरूआती चरण में बुन्देलखण्ड पर आधारित पुस्तकों सहित यहां के प्रसिद्ध व्यक्तित्वों से सम्बन्धित जानकारियों का संकलन कर उन्हें प्रकाशित करने का कार्य किया जा रहा है। जो भी लोग जानकारी भेजना चाहें, वो वेबसाइट में साइनअप करके अपने लॉगिन के माध्यम से जानकारियां सबमिट कर सकते हैं। समिति की अध्यक्ष डॉ. सरोज गुप्ता ने कहा कि समिति के इस महत्वपूर्ण प्रयास को देखकर इसमें आर्थिक सहयोग करने वालों की सूची भी लगातार बढ़ती जा रही है।
इसमें अभी तक समाज में अपनी अपनी विधाओं के मूर्धन्यों में से डॉ. मीना ताई पिम्पलापुरे से 1 लाख, डॉ गंगा प्रसाद बरसैंया से 1 लाख, श्री सुरेन्द्र सिन्हा अंजलि से 51 हजार, डॉ. जयकुमार जलज से 51 हजार एवं श्री नर्मदा प्रसाद ददरया से 11 हजार का दान प्राप्त हुआ है। इसके अलावा आज दो लोगों द्वारा 51-51 हजार के दान की भी स्वीकृति प्राप्त हुई है। जिसमें राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के वंशज झांसी निवासी श्री प्रमोद कुमार गुप्त एवं श्री आशीष कुमार गुप्त द्वारा 51 हजार तथा सागर की समाजसेवी श्रीमती नीलिमा पिम्पलापुरे से भी 51 हजार दमोह की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ प्रेमलता नीलम की राशि शीघ्र ही प्राप्त होगी। सागर की प्रमुख समाजसेवी श्रीमती नीलिमा पिम्पलापुरे ने उपस्थित लोगों को बताया कि वो भी शीघ्र ही 51 हजार की राशि बुन्देलखण्ड विश्वकोश को भेंट करेंगी। चूंकि बुन्देलखण्ड के लिए यह कार्य नितान्त जरूरी है इसीलिए इसमें धन आड़े नहीं आयेगा। बुन्देलखण्ड के धरतीपुत्रों से इनसाइक्लोपीडिया जैसे वृहद कार्य के लिए सहयोग की अपील की जाती है। सक्षम लोगों को इसमें बढ़चढ़ कर सहयोग करना चाहिये।
वेबसाइट लॉन्चिंग के इस अवसर पर आचरण पत्र की प्रबंध संपादक श्रीमती निधि जैन,आचरण पत्र के प्रधान सम्पादक श्री सुनील जैन,डॉ. निकिता पिम्पलापुरे,श्री अतुल साफी, डॉ. ऊषा मिश्रा, डॉ हरिमोहन गुप्ता,डॉ. संगीता सुहाने,श्री रमेश सुहाने,डॉ. अनूपी समैया, डॉ. सुनील विश्वकर्मा, डॉ. हरिशंकर सेन, कु. चांदनी सोनी, मनीष, अजय, डॉ. मनोज कुमार, आनन्द मिश्रा, दिनेश तोमर इत्यादि लोग उपस्थित रहे। सचिव श्री सचिन चतुर्वेदी बांदा ने सभी से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड की वेबसाइट तो तैयार हो गयी है ,इसको समृद्धशाली जानकारी से ओतप्रोत बनाने का दायित्व हर बुन्देलखंडवासी का है।
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