बाँदा : पहली डोज ले चुके स्वास्थ्य कर्मियों की जुबानी,नही हुई कोई परेशानी
शुक्रवार 22 जनवरी को टीकाकरण का दूसरा सत्र है। इस बार पांच केंद्रों जिला अस्पताल..
5 केंद्रों में 1267 स्वास्थ्य कर्मियों को लगाई जाएगी वैक्सीन
शुक्रवार 22 जनवरी को टीकाकरण का दूसरा सत्र है। इस बार पांच केंद्रों जिला अस्पताल, मेडिकल कालेज, महुआ, नरैनी व बिसंडा स्वास्थ्य केंद्र में 1267 स्वास्थ्य कर्मियों का वैक्सीनेशन होना है।
इसके पूर्व टीका लगवा चुके कोरोना योद्धाओं (स्वास्थ्य कर्मियों) ने अपने अनुभव साझा करते हुए सभी से अपील की है कि अपनी बारी आने पर कोरोना का टीका जरूर लगवाएं। यह उस व्यक्ति, समाज व देश के हित में बेहद जरूरी है।
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टीका लगने का पता ही नहीं चला
कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले जिला पुरूष अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञ डा. एस डी त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना वायरस का टीका कब लग गया पता ही नहीं चला। किसी तरह कोई दिक्कत नहीं हुई।
टीकाकरण से अब तक उन्हें कोई परेशानी समझ में नहीं आई। उन्होंने बताया कि टीके को लेकर पहले से विश्वास था। किसी भी तरह की कोई उलझन या नकारात्मक विचार नहीं थे, पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रहा हूं।
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डरने की नहीं, हिम्मत की है जरूरत
मेडिकल कालेज में सबसे पहले ये वैक्सीन लगवाने वाले प्राचार्य डा. मुकेश कुमार यादव बताते हैं कि वह बिलकुल ठीक हैं। वैक्सीन को लेकर उनके मन में पहले भी कोई वहम नहीं था।
जो वैक्सीन नहीं लगवा रहे, उनके लिए डा. मुकेश कहते हैं कि हमें डरने की नहीं, हिम्मत रखने की जरूरत है। मेरे आसपास जिन लोगों ने पहले दिन वैक्सीनेशन ली, वे सब नॉर्मल हैं। सभी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
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देश में बनी वैक्सीन पर है पूरा भरोसा
16 जनवरी को पहले टीकाकरण सत्र में जिला अस्पताल में दूसरा टीका डा. सुनील बंसल को लगा था। वे बताते हैं देश में बनी कोविड वैक्सीन को लेकर उनके मन में पहले भी कोई संदेह नहीं था। उन्हें वैक्सीन पर पूरा भरोसा था।
आब्जर्वेशन में आधा घंटा रहने के बाद वह ड्यूटी पर लौट गए। वह पूरी तरह सामान्य हैं। वे कहते हैं कि दूसरी वैक्सीन की तरह ही ये वैक्सीन है। जब छोटे बच्चे उन्हें लगने वाली वैक्सीन को टॉलरेट कर सकते हैं तो बड़ों को तो दिक्कत होनी ही नहीं चाहिए।
बताते चलें कि पूरे देश के साथ-साथ बांदा में भी हेल्थ केयर वर्कर्स को कोविशील्ड की पहली डोज 16 जनवरी को लगी थी। जनपद के चार सेंटर्स में हुई वैक्सीनेशन में 400 में से 263 को टीका लगा था। कई हेल्थ केयर वर्कर्स का नाम तो वेक्सीनेशन लिस्ट में था, लेकिन वह कुछ कारणवश टीका लगवाने नहीं पहुँच पाए। जिन्होंने पहले दिन यह वैक्सीन ली थी, उनमें से सभी आधे घंटे के ऑब्जर्वेशन के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट गए थे।
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