बांदा चित्रकूट टीचर सोसायटी को जल्दी ही आर्थिक संकट से निजात मिलेगी
टीचर सोसायटी बांदा चित्रकूट की स्थापना 25 सितंबर 1936 में की गई थी। जिसका उद्देश्य बेसिक शिक्षा विभाग के सदस्य अध्यापकों को बिना परेशानी के सरलता पूर्वक ऋण उपलब्ध कराना ...
टीचर सोसायटी बांदा चित्रकूट की स्थापना 25 सितंबर 1936 में की गई थी। जिसका उद्देश्य बेसिक शिक्षा विभाग के सदस्य अध्यापकों को बिना परेशानी के सरलता पूर्वक ऋण उपलब्ध कराना था। लेकिन इधर कुछ वर्षों से सोसाइटी अचानक चार करोड़ के घाटे में आ गई। इस संकट से उबरने के लिए वर्तमान अध्यक्ष और उनकी टीम द्वारा तमाम प्रयास किया जा रहे हैं। उनका दावा है कि बहुत जल्दी ही बांदा चित्रकूट टीचर सोसायटी के दिन बहुरेंगे।
यह भी पढ़े :एशियाई खेल : देश की खेल राजधानी बनने की तैयारी में यूपी
इस बारे में चेयरमैन जय दीक्षित ने बताया कि जनपद बांदा और चित्रकूट के हजारों सदस्य शिक्षक प्रत्येक ब्लॉक से डायरेक्टर का चुनाव करते है तथा निर्वाचित डायरेक्टर अध्यक्ष (चेयर मैन )का चुनाव करते है। वर्तमान में डायरेक्टर के चुनाव में थोड़ी जटिलताएं आ गई है जिसमे प्रत्येक ब्लॉक से सात डेलीगेट्स का चुनाव होता है और वो डेलीगेट्स डायरेक्टर का चुनाव करते है। गठित बोर्ड बांदा चित्रकूट के सोसाइटी सदस्य अध्यापकों को लोन देता है। वर्तमान में सोसाइटी द्वारा अधिकतम प्रदत्त लोन सीमा बीस लाख है जो सदस्य को 10.30 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध होता है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में सोसाइटी अचानक 4 करोड़ के घाटे में आने से संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसलिए सोसाइटी में लेन देन में पारदर्शिता को लाने के लिए पूर्व निर्वाचित चेयरमैन स्वर्गीय देवेंद्र यादव एवं इसके पूर्व निर्वाचित चेयर मैन उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी प्रजीत सिंह और सचिव चक्रपाणि अवस्थी ने अथक परिश्रम कर के कंप्यूटरीकृत कर दिया।
यह भी पढ़े :योगी सरकार पांच एक्सप्रेस-वे किनारे बसाएगी 32 औद्योगिक शहर
सोसाइटी के वर्तमान चेयरमैन उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के संयुक्त मंत्री जय किशोर दीक्षित ने बताया कि समय समय पर सोसाइटी का ऑडिट कराया जाता है। जिसमे यह बात स्पष्ट हुई कि वित्तपोषक बैंक के द्वारा सोसाइटी की बड़ी रकम अपने पास रख ली जाती है। अगर वह सोसाइटी को वापस कर दी जाए तो सोसाइटी का आर्थिक घाटा दूर हो जाएगा। हाल ही में बैंक द्वारा आधा प्रतिशत ब्याज भी अचानक बढ़ा दी गई है। इसके लिए बैंक को सहानभूति विचार करने को कहा गया है। लोन लेने वाले अध्यापक जिनकी अचानक मृत्यु हो जाती है। जिनका कोई वारिश नही है सोसाइटी उनके एनपीए लोन पर वर्षाे से ब्याज दे रही है। इसके लिए बैंक से निवेदन किया जाएगा की इस धन पर भी सहानुभूति पूर्वक सोसाइटी हित में निर्णय करे।
ये भी पढ़े :बांदा : महिला सशक्तिकरण रैली में दिखा महिलाओं में जोश, अधिकारों के प्रति किया जागरूक
चेयरमैन ने बताया कि सोसाइटी ने अपनी 100 करोड़ लोन देने की क्षमता को पूरा कर लिया है। अब लोन क्षमता 150 किए जाने के लिए बोर्ड द्वारा प्रस्ताव बना कर सहकारिता विभाग को भेजा गया है। जल्दी ही सोसाइटी हित में अन्य निर्णय लिए जायेंगे। चेयरमैन ने सभी शिक्षकों से आवाहन किया कि जो अभी तक सोसाइटी के सदस्य नही बने है वो सदस्य जरूर बने। चेयरमैन ने बताया कि वर्तमान बोर्ड के उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार एवं डायरेक्टर नंदिता चौहान,मिथलेश यादव,लवलेश सिंह,संकल्प पाण्डेय,अभिलाष पटेल,राम कुमार यादव,राकेश सिंह,राकेश शिवहरे,विजयेंद्र नाथ सोनकर,अवधेश प्रजापति,कमलेश पटेल की मेहनत रंग ला रही है सोसाइटी की दिशा और दशा बदल रही है।