इस एक्‍सप्रेसवे में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी बनेगी,जगुआर और मिराज जैसे फाइटर आसानी से लैंड कर सकेंगे

उत्तर प्रदेश में बन रहे 594 किलोमीटर लंबे ‘गंगा एक्सप्रेसवे’ के निर्माण कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है। उत्तर प्रदेश...

इस एक्‍सप्रेसवे में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी बनेगी,जगुआर और मिराज जैसे फाइटर आसानी से लैंड कर सकेंगे
फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश में बन रहे 594 किलोमीटर लंबे ‘गंगा एक्सप्रेसवे’ के निर्माण कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईडा) ने इस एक्‍सप्रेसवे के निर्माण से जुड़ी एक प्रगति रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें बताया गया है कि, एक्सप्रेसवे का 84.11ः क्‍लीयरिंग और ग्रबिंग कार्य और 7.3ः निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। यह पूरा कार्य अपने तय समय के अनुसार चल रहा है। इसमें 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी बनेगी। यहां पर वायुसेना के सी-17 परिवहन विमान से लेकर एसयू-30 एमकेआई जगुआर और मिराज 2000 जैसे फाइटर जेट्स आसानी से लैंड कर सकेंगे।

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expressway in up

छह लेन वाली गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को पर 36,200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है। इसके निर्माण को तेज गति देने के लिए चार समूहों में विभाजित कर वर्क हो रहा है। यह एक्‍सप्रेसवे तैयार होने के बाद राज्‍य का सबसे लंबा एक्‍सप्रेसवे होगा। इस एक्‍सप्रसेवे का लाभ यूपी के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों को भी लेगा। यह एक्‍सप्रसेवे यूपी के 12 जिलों से होकर गुजरेगा।

गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक जाएगी। इस एक्सप्रेसवे से यूपी के साथ देश के औद्योगिक विकास, व्यापार, पर्यटन और कृषि आदि क्षेत्रों को विस्‍तार मिलेगा। यह एक्‍सप्रसेवे देश की तरक्‍की में जितना मदद करेगी, उतना ही देश की सुरक्षा में भी योगदान करेगी। इस पर एक आधुनिक हवाई पट्टी भी बनाया जाएगा।

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 इस एक्‍सप्रेसवे पर वायुसेना के लड़ाकू विमानों के लिए एक 3.5 किमी लंबी आपातकालीन रनवे भी बनाया जाएगा। यह राज्‍य के एक्‍सप्रेसवे पर बनी दूसरी हवाई पट्टी होगा। इससे पहले ऐसी ही एक हवाई पट्टी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर भी बन चुकी है। यह हवाई पट्टी सभी सुरक्षा मानकों को ध्‍यान में रखकर बनाई जाएगी। यहां पर वायुसेना के सी-17 परिवहन विमान से लेकर एसयू-30 एमकेआई जगुआर और मिराज 2000 जैसे फाइटर जेट्स आसानी से लैंड कर सकेंगे।

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बता दें कि, इस परियोजना को शुरू करने का प्रोजेक्‍ट वर्ष 2007 तैयार किया गया था, लेकिन यह फाइलों में ही लटकी रही। वर्ष 2019 में योगी सरकार ने इस प्रोजेक्‍ट का प्रस्‍ताव रखा। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर में गंगा एक्‍सप्रेसवे का शिलान्‍यास किया था। इसे जनवरी 2025 तक पूरा करने का लक्ष्‍य रखा गया है

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