महोबा के 415 लाभार्थियों को पीएम आवास और मुख्यमंत्री आवास में मिला गृह प्रवेश
कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी के माध्यम से वर्चुअली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 के निर्मित पीएम आवास..
कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी के माध्यम से वर्चुअली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 के निर्मित पीएम आवास और मुख्यमंत्री आवास ग्रामीण के 5.51 लाख लाभार्थियों को गृह प्रवेश हेतु प्रतीकात्मक चाभी वितरित की गयी।एनआईसी में सदर विधायक राकेश गोस्वामी तथा सांसद प्रतिनिधि डॉ संतोष चौरसिया द्वारा 15 लाभार्थियों को तथा अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा प्रति विकासखण्ड 100-100 लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चाभी दी गयी। इस प्रकार जिले में आज 415 लोगों को गृह प्रवेश दिया गया।
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इस मौके पर लाभार्थियों को वर्चुअली संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुझे अति प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 70 फीसदी लाभार्थी महिलाएं हैं। लाभार्थियों के साथ परिचर्चा के दौरान मुझे पता चला कि अधिकतर परिवार स्वच्छ भारत, आयुष्मान भारत, सौभाग्य व उज्ज्वला योजना समेत तमाम योजनाओं से आच्छादित हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जी का सपना है कि हर गरीब का अपना घर हो।यह उत्तर प्रदेश में साकार हो रहा है।विगत चार वर्षों के दौरान 41.73 लाख लाभार्थियों को आवास उपलब्ध कराया गया।बताया कि ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ प्रदेश की लगभग 52 लाख बहनें जुड़ी हुई हैं।अब गांवों में कुपोषित बच्चों, माताओं व कन्याओं के लिए पोषाहार की व्यवस्था आजीविका मिशन से जुड़ी बहनें ही करेंगी।
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प्रदेश के कई जनपदों में इसे सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है।यह भी कहा कि अगर कहीं पर सार्वजानिक वितरण प्रणाली में राशन कोटे का विवाद होता है, तो उस राशन कोटे की जिम्मेदारी महिला स्वयंसेवी समूह को दे दी जाएगी।
एनआईसी में लाभार्थियों को चाभी वितरण करते हुए सदर विधायक ने कहा कि सरकार गरीबों व मजलूमों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।प्रत्येक पात्र व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।सीडीओ डॉ हरिचरन सिंह ने बताया कि वर्ष 2020-21 में 3000 आवास आबंटित किए गए हैं।साथ ही 2021-22 के अन्य लाभार्थियों के आवास भी निर्माणाधीन हैं।जिले में ऐसा कोई पात्र लाभार्थी नहीं रहेगा जिसे आवास न मिले।प्रशासन द्वारा लगातार पात्र व्यक्तियों को चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है।
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